gestational diabetes क्यों होती है ? कारण एवं उपाय

गर्भकालीन मधुमेह gestational diabetes

गर्भकालीन मधुमेह क्या होता है (what is gestational diabetes in pregnancy)?

gestational diabetes (गर्भकालीन मधुमेह) प्रेगनेंसी के दौरान होने वाला मधुमेह यानि डायबिटीज होती है जो प्रेगनेंसी के दौरान मीठा या फ़ास्ट food जेसा खाना ज्यादा खाने की वजह से हो जाती है | प्रेगनेंसी के दौरान भूख ज्यादा लगती है और बच्चे का वजन बढ़ाने की चिंता की वजह से कुछ महिलाये प्रेगनेंसी के दौरान नार्मल से ज्यादा खाती है और कुछ को इस समय मीठा ज्यादा पसंद होता है इस कारण मिठाइयाँ आदि ज्यादा खाने लगती है जिसकी वजह से गर्भकालीन मधुमेह होने की सम्भावना होती है जिसका समय पर इलाज करना बोहोत जरूरी होता है वेरना इसका असर जिंदगी भर के लिए माँ और बच्चे में रहता है |

क्या लक्षण होते है? (gestational diabetes symptoms)

गर्भकालीन मधुमेह प्रेगनेंसी के पाचवे महीने या उसके बाद होने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती है इसलिए इस समय में blood टेस्ट कराये जाते है जिसमे इस प्रॉब्लम का पता लगाया जाता है इसके अलावा अगर आपके डॉक्टर पाचवे महीने में ये टेस्ट नहीं बताते है तो भी कुछ ऐसे लक्षण ऐसे होते है जिन्हें देख के आप अंदाजा लगा सकते है की आपको gestational diabetes का खतरा है और तुरंत डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए |

वो कॉमन लक्षण कोन कोनसे है :-

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  1. बार बार टॉयलेट जाना :- अगर आपको बार बार यूरिन पास करने के लिए टॉयलेट जान पड़ रहा है |
  2. अगर भूख ज्यादा लगने लगी है और मीठा खाने का मन होने लगे |
  3. बार बार प्यास लगने लगी हो |
  4. खर्राटे की परेशानी शुरू हो गई हो |

क्यों होती है?

गर्भकालीन मधुमेह के होने का क्या कारण हो सकता है जानते है आगे :-

  1. इसके होने का मुख्य कारण होता है मोटापा | क्युकी प्रेगनेंसी में ज्यादा खान पान (gestational diabetes diet) की वजह से मोटापा बढ़ता है और ये मोटापा शरीर को नुकसान पहुचता है |
  2. दूसरा कारण हो सकता है माता पिता से | अगर पहले आपके माता पिता या परिवार में किसी को gestational डायबिटीज हुई है तो तो आपको भी होने के चांसेस होते है |
  3. अगर आपके पहले प्रेगनेंसी में gestational डायबिटीज हुई है तो आगे भी होने के चांसेस होते है |
  4. अगर आप high blood pressure की मरीज है तो भी हो सकती है |
  5. अगर पहले बेबी में कोई बिर्थ डिफेक्ट या ओवरवेट होने की परेशानी हो |

कितने प्रकार की होती है ?

gestational diabetes मुख्य दो तरह की होती है :-

पहला प्रकार :- इस diabetes का असर शुरुवाती होता है और इसे घर में ही कुछ सावधानिय और इलाज के द्वारा ठीक किआ जा सकता है जिससे डिलीवरी के बाद इसका असर न के बराबर रहता है | इसे गहर में ठीक करने के लिए :-

  1. रोज सुबह शाम हलकी वाक और व्यायाम करे
  2. पानी ज्यादा से ज्यादा पिए
  3. मीठा बिलकुल न खाए
  4. नो सुगर प्रोडक्ट को उपयोग करे |
  5. प्रेगनेंसी के लिए अच्छा प्रोटीन पाउडर ले जो gestational diabetes के लिए बनाया गया हो |

दूसरा प्रकार :- ये diabetes अपनी अगली स्टेज में पहुच चुकी होती है यानि इसका असर ज्यादा होता है और घरेलु तरीको से ठीक होना संभव नहीं हो है इसलिए डॉक्टर को चेक कराया जाता है और उनके द्वारा दी गई दवाइया लेनी होती है ये दवाइया शरीर में इन्सुलिन और ग्लूकोस के स्टार को मैनेज करती है इसलिए इस पूरे कोर्स को लेना चाहिए ताकि समय रहता इस्ला इलाज किआ जा सके |

क्या बुरा असर पड़ता है ?

गर्भकालीन मधुमेह एक घातक बीमारी है और अगर समय पर इसका इलाज न किआ जाये तो इसका दुष्प्रभाव माँ और बच्चे दोनों को ही भविष्य में पड़ सकता है आइये जानते है :-

  1. इससे जनम के समय बच्चा ओवरवेट(वजन नार्मल से ज्यादा ) हो सकता है |
  2. बच्चे का वजन ज्यादा होने से डिलीवरी में दिक्कर आ सकती है यहाँ तक की c सेक्शन डिलीवरी भी करनी पढ़ सकती है |
  3. बच्चे को भविष्य में diabetes का खतरा हो सकता |
  4. माँ को भविष्य में diabetes का खतरा हो सकता है जिससे जिंदगी भर दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है |

अगर दी गई जानकारी को विडियो के रूप में देखना चाहते है तो यहाँ क्लिक करे :-

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