Level 2 Ultrasound – प्रेगनेंसी का एक जरूरी अल्ट्रासाउंड | A Most Important Ultrasound During Pregnancy.

Level 2 Ultrasound hindi
Level 2 Ultrasound

level 2 ultrasound प्रेगनेंसी के दौरान कराया जाने वाला एक जरूरी अल्ट्रासाउंड होता है जिसमे बच्चे के बारे में काफी सारी जानकारी पता चलती है ये ultrasound डॉक्टर्स या एक्सपर्ट तकनीशियन द्वारा प्रेगनेंसी के दौरान कराया जाता है आइये डिटेल में इसके बारे में जानते है |

क्या होता है level 2 ultrasound

level 2 ultrasound प्रेगनेंसी के दुसरे तिमाही में कराया जाने वाली एक जरूरी सोनोग्राफी होती है इस सोनोग्राफी स्कैन को एक और नाम से भी जाना जाता है वो है 20 week level 2 anatomy scan (20 week anatomy scan ) | एसा इसलिए कहा जाता है क्योकि इस अल्ट्रासाउंड को प्रेगनेंसी के २०वे हफ्ते में कराया जाता है | हालाँकि 20वा हफ्ता इस सोनोग्राफी स्कैन के लिए एक एवरेज टाइम पीरियड होता है बल्कि इसे प्रेगनेंसी के 18 हफ्ते से 22 हफ्ते के बीच कभी भी कराया जा सकता है ये इस पर निर्भर करता है की प्रेगनेंसी किस प्रकार की है |

इस अल्ट्रासाउंड को कराने का मुख्य उद्देश्य पेट में पल रहे बच्चे ठीक से है इस बारे में पता करना होता है जैसे की बच्चे का विकास ठीक से हो रहा है या नहीं या उसे खून या बाकि जरूरी विटामिन्स की सप्लाई सही से पहुच रही है इन सबके अलावा अगर बच्चे के विकास में कोई परेशानी या अब्नोर्मलिटी (abnormality ) होती है तो वो भी इस ultrasound से पता लगाई जा सकती है |

इस अल्ट्रासाउंड के पहले लेवल 1 अल्ट्रासाउंड होता है जो प्रेगनेंसी के पहले तिमाही (trimester) के दौरान होता है उस अल्ट्रासाउंड में बच्चे की हार्ट रेट (दिल की धड़कन ) और बच्चा कब पैदा होने वाला है उसकी अंदाजन डेट (EDD – Estimated Delivery Date ) का पता लगाया जाता है पर level 2 anatomy scan में बच्चे का सिर से लेकर पैर तक की पूरी जांच किआ जाती है और हर तरह से बारीकी से सब देखा जाता है |

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level 2 scan के कुछ अन्य नाम

गर्भावस्था में level 2 scan इसका मुख्य नाम नहीं है बल्कि इसका मुख्य नाम है anomaly scan , इसके अलावा इसे कुछ और नामो से भी जाना जाता है जो है :- 2nd level ultrasound,level 2 usg in pregnancy, level two ultrasound, level 2 scan in pregnancy, ultrasound level 2 , ultrasound 2nd level, usg level 2 test, usg obs level 2, usg level 2 scan, level 2 ultrasound, level 2 sonography, anomaly scan level 2 price, level 2 anatomy scan , level 2 scan in pregnancy in hindi, pregnancy level 2 ultrasound price, level 2 anomaly scan, tifa level 2 ultrasound, 20 week level 2 ultrasound |

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प्रेगनेंसी मे कौन कौनसे जरूरी अल्ट्रासाउंड होते है ?

बेसिकली प्रेगनेंसी में 3 सबसे जरूरी अल्ट्रासाउंड होते है जिसमे पहला अल्ट्रासाउंड होता है प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में जिसे बेबी सोनोग्राम भी कहा जाता है , ये अल्ट्रासाउंड बच्चे की धड़कन की जाच करने के लिए और बच्चे तथा यूट्रस से सम्बंधित कुछ जरूरी मेजरमेंट लेने के लिए कराया जाता है | यानि की बच्चा uterus के अन्दर आ गया है और सही से ग्रोथ कर रहा है इन सबके बारे में पहले ultrasound में पता लगाया जाता है |

प्रेगनेंसी का पहला अल्ट्रासाउंड यानि बेबी सोनोग्राम दो तरीको से कराया जा सकता है एक प्रेग्नेंट महिला के पेट के द्वारा और दूसरा प्रेग्नेंट महिला के वेजाइना के द्वारा , जिसमे वेजाइना के अन्दर प्रोब डाला जाता है और इस प्रकार जांच की जाती है | doppler ultrasound abdominal ultrasound की तरह होता है |

प्रेगनेंसी का दूसरा अल्ट्रासाउंड दुसरे तिमाही के दौरान कराया जाता है , इस दुसरे ultrasound को लेवल 2 अल्ट्रासाउंड भी कहा जाता है | जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चे में किसी प्रकार के शारीरिक विकृति होने या न होने का पता लगाना है यानि बच्चे के शरीर का विकास और उसकी हड्डियों का विकास सही से हो रहा है या नही ये जाच इस अल्ट्रासाउंड में की जाती है |

शारीरिक विकृति कई तरह की हो सकती है जैसे trisomy , echogenic focus, neural tube defect , या chromosomal डेफिशियेंसी | जिसमे बच्चे का शारीरिक या मानसिक विकास नहीं होता है और इस बारे में समय रहते पता चलना बोहोत जरूरी होता है |

प्रेगनेंसी का तीसरा अल्ट्रासाउंड का नाम है कलर डोपलर अल्ट्रासाउंड (color doppler ultrasound)
कलर डोपलर अल्ट्रासाउंड(colour doppler ultrasound) में बच्चे की के शरीर में खून का प्रवाह सही से हो रहा है या नही इस बात की पुष्टि की जाती है  यानि colour doppler test में बच्चे के शरीर के हर भाग को और उसमे होने वाले खून के प्रवाह को बारीकी से जाचा जाता है और उसकी पुष्टि की जाती है | कलर डॉप्लर सोनोग्राफी sound waves के द्वारा बच्चे और माँ के शरीर में खून का प्रवाह देखता है और उसकी कलर इमेज बना के रिपोर्ट में भेजता है |

क्या अंतर होता है लेवल 2 अल्ट्रासाउंड और लेवल 1 अल्ट्रासाउंड में ?

अल्ट्रासाउंड का नामकराने का समय कराने की वजह
Early Pregnancy Scan 1st Trimesterप्रेगनेंसी कन्फर्म करना,शिशु की संख्या , हार्टबीट देखना
Ultrasound Level 1 1st Trimesterशिशु का विकास देखना , प्लेसेंटा तथा अम्निओटिक फ्लूइड की जांच
Ultrasound Level 2/ Anomaly / Tiffa Scan 2nd Trimesterशिशु के अंगो की जांच,अनोमली का पता लगाना
color doppler / fetal echo 2nd Trimesterशिशु में ब्लड का फ्लो जांचना, हार्ट की जांच
Wellbeing Scan 3rd Trimesterशिशु का विकास देखना

Level 2 Ultrasound में क्या पता लगाया जाता है ?

  1. बेबी की हार्ट रेट के बारे में
  2. क्राउन रुम्प लेंग्थ (CRL) के बारे में | CRL- बच्चे की कम्पलीट लम्बाई होती है |
  3. बच्चे के शरीर और सिर के चारो तरफ की नाप ली जाती है |
  4. बच्चे का वजन कितना है |
  5. हार्ट के चारो चैम्बर्स के बारे में |
  6. किडनी,ब्लैडर और हार्ट अछे से काम कर रहे |
  7. बच्चे का ब्रेन और रीड की हड्डी के सही से डेवलपमेंट का |
  8. बच्चे के लिंग का भी पता लगता है |
  9. प्रेग्नेंट महिला में Amniotic Fluid की मात्रा देखी जाती है – Amniotic Fluid एक लिक्विड(liquid ) होता है जिसके अन्दर बच्चा सुरक्षित रहता है |
  10. प्लेसेंटा (placenta) की पोजीशन के बारे में |
  11. chromosomal abnormality का पता लगाया जाता है |

प्रेगनेंसी में कराये जाने वाले अल्ट्रासाउंड केवल प्रॉब्लम का पता लगाने के लिए होते है उनसे सलूशन नहीं होता है प्रॉब्लम के सलूशन के लिए अलग से इलाज किया जाता है |

गर्भावस्था में क्या क्या anomaly हो सकती है ?

Down’s syndrome:- ये एक तरह की प्रॉब्लम होती है जिसमे बच्चे में क्रोमोजोम की मात्रा नार्मल से अधिक होती है जिससे बच्चे में फिजिकल या मेंटल किसी भी तरह की abnormality होने के चांसेस रहते है

Trisomy 18 :- इस प्रॉब्लम में बच्चे में क्रोमोजोम की मात्रा नार्मल से अधिक होती है जिससे बच्चे का दिमागी विकास रुक सकता है या किसी अंग में अपंगता आ सकती है या फिर किसी अंग का विकास कम या ज्यादा हो सकता है |

trisomy 13:- इसे Patau’s syndrome भी कहा जाता है जिसमे बच्चे में क्रोमोजोम की एक्स्ट्रा कॉपी बन जाती है जिसकी वजह से बच्चे में मेंटल और फिजिकल प्रॉब्लम हो सकती है जो काफी सीरियस होती है जैसे अंगो का आपस में जुड़ना , अंग का विकास रुक जाना , एक्स्ट्रा अंग बन जाना आदि कई तरह की प्रोब्लेम्स हो सकती है |

Trisomy 21:- ये भी एक abnormality होती है जो पैदा होने वाले बच्चे में हो सकती है जिसकी वजह से बच्चे के शरीर के आन्तरिक या बाहरी हिस्से में कोई डिफेक्ट हो सकता है जैसे किसी अंग का मोटा या पतला होना,हियरिंग या विज़न लोस,शरीर का कोई भाग नहीं बनना ,ब्रेन का विकास नहीं होना आदि कुछ् भी हो सकता है |

level 2 ultrasound में anomaly पाए जाने पर क्या करे

level 2 ultrasound में किसी तरह की प्रॉब्लम का पता लगने पर उस फील्ड में एक्सपर्ट डॉक्टर के द्वारा सेकंड ओपीनियन ली जाती है ताकि कोई भी बढ़ा डिसिशन गलत होने से बचा जा सके साथ ही उनके द्वारा बताये गए टेस्ट अथवा इलाज को follow करना चाहिए | कई मामलो में इस 20 वीक स्कैन में किसी anomaly के पाए जाने पर amniocentesis test अथवा nipt टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है ताकि सही स्थिति का पता लगाया जा सके |

level 2 ultrasound कराने से पहले क्या तैयारी रखे ?

level 2 ultrasound को कराने से पहले क्या तैयारी रखे :-

  1. जाने से पहले लगभग 2 गिलास पानी पी ले ताकि स्कैन अच्छेसे हो |
  2. अपना id प्रूफ साथ ले जाये साथ में एक फोटो कॉपी भी ले जाये |
  3. लूज कपडे पहन के जाये |
  4. मास्क व् sanitizer का प्रयोग करे |

level 2 ultrasound कैसे होता है ?

level 2 ultrasound को कराने के लिए पहले प्रेग्नेंट महिला को एग्जामिनेशन बेड पर लेटा दिया जाता है फिर उसके पेट पर एक लिक्विड जेल लगाया जाता है इसके बाद transducer ( अल्ट्रासाउंड में उपयोग आने वाला एक उपकरण ) की मदद से पेट के चारो तरफ के एरिया की जांच की जाती है |

ट्रांस्दुसर से निकलने वाली साउंड वेव्स (sound waves ) मॉनिटर पर प्रेग्नेंट महिला के पेट के अन्दर की चित्रों को दिखाती है ये चित्र बच्चे के होते है जिसमे बच्चे के अंग दिखाई देते है ये चित्र 2D फॉर्मेट में होते है क्युकी कंप्यूटर sound waves को 2D पिक्चर में बदल देता है |

स्कैन के दौरान जैसे ही बच्चे की साफ़ पिक्चर दिखाई दे जाती है कंप्यूटर उसे फ्रीज़ करके सेव कर लेता है और फिर उससे जरूरी माप ले लिए जाते है |

level 2 scan के दौरान बच्चे की हार्ट बीट भी साफ़ सुनाई देती है और बच्चे में हाथ,पैर और अलग अलग अंग भी दिखाई देते है | level 2 scan के दौरान बच्चा थोडा बड़ा हो जाता है और कुछ हरकते भी करने लग जाता है इसलिए इस अल्ट्रासाउंड में बच्चा मुह में अंगूठा लिए या फिर हाथ हिलाता हुआ दिखाई देता है आप चाहे तो डॉक्टर से कह के बच्चे की पिक्चर भी ले सकते है |

क्या level two ultrasound सुरक्षित है?

अब सवाल आता है की क्या level two ultrasound को प्रेगनेंसी के दौरान करना सुरक्षित होता है ? तो इसका जवाब है हां | ये सोनोग्राफी इन प्रेगनेंसी में बिलकुल सुरक्षित होता है | हालाँकि इस अल्ट्रासाउंड को करने में उपयोग में आने वाले उपकरणों में से गर्मी(Heat) निकलती है पर क्युकी ये अल्ट्रासाउंड प्रेग्नेंट महिला पर किया जाता है इसलिए गर्मी(Heat) की मात्रा कम होती है | और ये सोनोग्राफी बोहोत ही एक्सपर्ट और ट्रेंड लोगो द्वारा किया जाता है इसलिए इस अल्ट्रासाउंड को करने के लिए बिलकुल भी घबराने की जरूरत नही होती है |

अगर ये जानकारी विडियो के माध्यम से देखना चाहते है तो नीचे दिए गए लिंक पे क्लिक करे :-

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