गर्भावस्था में मूड स्विंग (Mood Swings ) क्यों होता है ? सही कारण एवं निवारण |

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गर्भावस्था में Mood Swings होना एक आम परेशानी होती है | इसके कई कारण हो सकते है जैसे pregnancy में हार्मोन्स का लगातार बदलना या फिर शारीरिक क्रियाओ और दैनिक क्रियाओ को करने में परेशानी होना इसके अलावा आने वाले भविष्य को लेकर चिंतित होना आदि कई कारण हो सकते है जिनकी वजह से महिलाओ में mood changes होने की परेशानी होती है | जहा एक पल आने वाले बच्चे को लेकर ख़ुशी होती है वही दुसरे ही पल उदासी भी होने लगती है |

तो क्या कारण होता है pregnancy में Mood Swings यानि mood changes होने का और किस तरह से आप इस परेशानी से निपट सकते है आइये जानते है :-

हार्मोंस की वजह से mood swings होना

pregnancy के दौरान वैसे तो कई हार्मोंस का स्त्राव होता है पर जो हार्मोंस mood swings होने का कारण होते है वो है एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन | ये दोनों हार्मोंस फीमेल हार्मोंस कहलाते है और इनका कार्य शरीर में फीमेल एक्टिविटी को नियंत्रित करने का होता है पर ये हार्मोंस सीधे तौर पर दिमाग से भी जुड़े हुए होते है इसलिए शरीर में इनके कम या ज्यादा होने का असर दिमाग पर भी पड़ता है |

pregnancy के शुरुआती 3 महीनो में इन हार्मोंस का स्रत्राव काफी ज्यादा होता है और शरीर में एस्ट्रोजेन का कार्य शरीर को उर्जा (एनर्जी) प्रदान करना होता है और प्रोजेस्ट्रोन का कार्य बॉडी को रिलैक्स करना होता है पर इन हार्मोंस के कम या ज्यादा होने पर इन्सान ज्यादा चिडचिडा या ज्यादा रिलैक्स यानि डिप्रेस्ड भी फील कर सकता है |

शारीरिक परेशानी की वजह से mood swings होना :-

pregnancy के दौरान कई तरह की शारीरिक परेशानिया होती है जैसे वजन बढ़ना , कमर में दर्द, क्रेम्पिंग , आलस आना , आदि | उनमे से एक परेशानी वोमिटिंग की भी होती है जो गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में होती है और लगभग हर महिला को होती है जिसे नोज़ेया (nausea) भी कहा जाता है |

नोज़ेया (nausea) होने का कारण कुछ भी हो सकता है जैसे किसी चीज की स्मेल pregnancy के दौरान ख़राब लगना या सुबह उठते है वोमिट होना या भूखे होने के वजह से भी गर्भावस्था में नोज़ेया (nausea) हो सकती है और इस परेशानी की वजह से महिलाओ में गर्भावस्था के दौरान चिडचिडापन होने लगता है|

अल्ट्रासाउंड की वजह से mood swings होना

जैसे जैसे pregnancy आगे बढती जाती है वेसे वेसे पेट में बच्चे का विकास भी बढता है और उसके मूवमेंट भी बढने लगते है जिससे अब आप पहले जेसी एक्टिव नहीं रहते और न ही पहले जैसे कपडे पहन सकते है क्युकी अब शारीरिक सरचना में बदलाव आ जाता है | कुछ महिलाओ में ये भी एक कारण होता है mood swings होने का क्युकी उन्हें अपने शरीर को लेकर चिंता रहने लगती है या फिर आने वाले बच्चे को लेकर चिंता रहती है क्युकी आने वाले अल्ट्रासाउंड डर पैदा करते है की बच्चे का विकास सही से हो रहा है या नहीं |

आजकल कई ब्लोग्स और विडियो इस बारे में बने होते है की कोनसे ultrasound में किस तरह की कम्पलीकेशन आने के चांसेस होते है ये सब चीजे भी डर पैदा करती है जिसकी वजह से महिलाओ में बच्चे को लेकर चिंता बड जाती है और ये mood swings होने का कारण बनता है |

तीसरी तिमाही की वजह से mood swings होना

pregnancy के तीसरे trimester में कुछ अलग वजह होती है mood swings होने की | तीसरे trimester में बच्चे का साइज और वजन दोनों बढ़ने की वजह से सोने और काम करने में परेशानी होने लगती है साथ ही हर दिन डिलीवरी की चिंता और उसमे होने वाले कम्पलीकशन दिमाग में चलते रहता है जिसकी वजह से चिंता बढती है और मूड भी बदलता रहता |

महिलाओ में बच्चे के पैदा होने की चिंता ज्यादा होने लगती है क्युकी डिलीवरी के बाद एकदम से काफी सारी जिम्मेदारिय आने लगती है साथ ही बच्चे का ख्याल सही से रखने के बारे में हर समय सोचना पड़ता है इसी वजह से mood swings ज्यादा होने लगता है |

mood changes होने पर क्या करे ?

mood changes होने गर्भावस्था का ही एक भाग होता है और ये पूरी तरह से नार्मल है पर एसी स्थिति में किस तरह से काबू पाया जाये आइये जानते है :-

धैर्य रखे :- एसी स्थिति में जब आपको बोहोत ज्यादा गुस्सा आ रहा हो या बहुत ज्यादा चिडचिडापन हो रहा हो तब धैर्य रखे और कुछ देर शांत रहे क्युकी ये सब हार्मोंस के ओवरफ्लो की वजह से हो रहा है और धीरे धीरे सब पहले की तरह नार्मल हो जायेगा |

अपनों से बात करे :- mood changes होना अपने आप में एक ख़राब फीलिंग होती है और इसमें इन्सान अपना कण्ट्रोल तक खो सकता है एसी स्थिति में किसी पे गुस्सा उतरने के बजाय किसी रिलेटिव या किसी close पर्सन से बात करे और अपने मन में जो है वो सब बोले एसा करने से मन शांत होगा |

नेगेटिव रीडिंग से बचे:- ऐसे ब्लॉग या किताबे जिनको पढ़ कर नेगेटिविटी आती है उन्हें पढने से बचे , भजन सुने और पॉजिटिव बाते पढ़े इससे शरीर में उर्जा आएगी और बच्चा भी स्वस्थ रहेगा |

schedule बनाये :– अगर बच्चे के वजन की वजह से आपको रात में सोने में परेशानी हो रही है और आप दिन में सोये और जब नींद आये तब सोये इससे न सोने की वजह से दिमाग पर इसका असर नहीं पड़ेगा |

ग्रुप ज्वाइन करे :- आजकल कई एप्प और ग्रुप्स ऐसे बने होते है जिन्हें ज्वाइन करके आप अपने जैसे और लोगो से जुड़ सकते हो एसा करने से काफी मदद मिलती है सबकी फीलिंग के बारे में जानने में और उन परेशानियों से लड़ने में , काफी अच्छे टिप्स भी मिलते है जिन्हें जानकर अच्छा महसूस होता है और वो काफी काम भी आते है |

योग और व्यायाम करे :- ये एक अच्छा विकल्प है जो आप pregnancy के दौरान कर सकती है , आप सुबह और शाम योग यानि मैडिटेशन करे और हलकी एक्सरसाइज करे इससे ज्यादा सोचने का समय नहीं मिलेगा और नेगेटिविटी आपसे कोसो दूर रहेगी साथ ही नार्मल डिलीवरी में भी आसानी होगी |

अगर इन सब सलूशन के बाद भी आप अपने मूड को कण्ट्रोल नहीं कर प् रहे है और लगातार mood changes की परेशानी से जूझ रहे है तो ये आपके बच्चे को नुकसान पंहुचा सकता है इसलिए तुरंत अपने डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से बात करे और जरूरी सलाह माने |

अपनी राय कमेंट करके जरूर बताइए |

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