प्रेगनेंसी में टीकाकरण क्यों जरूरी है ? जानिए जरूरी टीको के बारे में | vaccination in pregnancy

प्रेगनेंसी में टीकाकरण vaccination in pregnancy in hindi

प्रेगनेंसी के दौरान टीकाकरण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है ये गर्भावस्था के दौरान माँ और बच्चे को अनेक बीमारियों से सुरक्षित रखती है इसलिए ये जानना बोहोत जरूरी है की गर्भावस्था में कोनसे टीके और कब लगाये जाते है साथ ही ये जानना भी बेहद जरूरी है की गर्भावस्था में कोनसे टीके नहीं लगवाने चाहिए | आज हम इसी के बारे में जानकारी देंगे :-

टीकाकरण क्यों जरूरी है ?

गर्भावस्था में टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य माँ और बच्चे को गंभीर बीमारियों से सुरक्षित करना होता है क्युकी इस समय महिला के शरीर की रोग प्रतिरोधक शमता कम हो जाती है इसलिए कोई भी बीमारी आसानी से माँ और वहा से बच्चे में आ सकती है जिससे नन्ही सी जान को खतरा हो सकता है इसलिए गर्भावस्था में माँ के शरीर को मजबूत बनाने के लिए कुछ जरूरी टीके लगाये जान काफी महत्वपूर्ण होता है |

सुरक्षा की जांच कैसे करे ?

सुरक्षा की दृष्टि से गर्भावस्था में लगाये जाने वाले सभी टीके सेफ होते है क्युकी ये सब FDA (फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ) की निगरानी में लगाये जाते है और ये डिपार्टमेंट हर टीके की शुध्त्ता , स्वच्छता और सुरक्षा की जांच करता है|

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इसके अलावा जब आप टीका लगाने जा रहे हो तो ये जरूर चैक कर ले की उपयोग में आने वाला इंजेक्शन नया हो और पैकेट नया खोला गया हो साथ ही वैक्सीन के पैक की एक्सपायरी डेट भी जांच ले और हर तरह से संतुष्ट होने के बाद ही टीका लगवाए | अगर आपको किसी चीज को लेकर एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को पहले ही बता दे ताकि वो वैक्सीन में उपयोग में आने वाली सामग्री में चेक कर ले और बेवजह इन्फेक्शन होने से बचे रहे |

क्या वैक्सीन बच्चे को नुकसान पंहुचा सकती है ?

कुछ वैक्सीन एसी होती है जिसमे लाइव वायरस के स्ट्रेन का उपयोग किया जाता है एसी वैक्सीन प्रेग्नेंट महिलाओ को नहीं दो जाती है क्युकी ये वैक्सीन उन्हें नुकसान पहुच सकती है |

केवल जो वैक्सीन सेफ होती है वो ही उन्हें दी जाती है टिटनस , डिप्थेरिया आदि | ज्यादातर वैक्सीन प्रेगनेंसी के दुसरे या तीसरे तिमाही में दी जाती है पर कुछ वैक्सीन डिलीवरी होने के जस्ट बाद भी दी जाती है |

कौन कौनसी वैक्सीन दी जाती है ?

हेपेटाईटिस B (Hepatitis B) :- जिन महिलाओ में इस बीमारी के होने की सम्भावना ज्यादा होती है उन्हें हेपेटाईटिस बी का टीका लगाया जाता है ताकि गर्भावस्था में माँ और बच्चा दोनों जनम के बाद कुछ समय तक हेपेटाईटिस की बीमारी से सुरक्षित रहे |

इन फ्लू एंजा (Influenza):- इसे फ्लू का टीका भी कहा जाता है , ज्यादातर महिलाए जो नवम्बर दिसम्बर के दौरान गर्भवती होती है उनमे ये टीका जरूर लगता है क्युकी इस मोसम में फ्लू के फैलने की सम्भावना अधिक होती है और गर्भावस्था में फ्लू होने से समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बना रहता है|

डीटीपी यानि डिफ्थीरिया, टिटनेस, पर्टुसिस:- ये टीका प्रेग्नेंट महिलाओ में प्रेगनेंसी के तीसरे तिमाही में या फिर दुसरे तिमाही के अंत में लगाया जाता है जो पैदा होने वाले बच्चे को कलि खासी जेसी गंभीर बीमारी से बचाता है पर अगर आपने पूरी प्रेगनेंसी के दौरान इस टीके को नहीं लगाया है तो डिलीवरी के तुरंत बाद बच्चे को लगाना पड़ता है क्युकी काली खासी से बच्चे की मौत भी हो सकती है | इसलिए गर्भावस्था में ये टीका लगवाना बोहोत जरूरी माना जाता है |

कोनसे टीके नहीं दिए जाते (types of vaccination in pregnancy) ?

  • हेपेटाइटिस ए (hepatitis A vaccine in hindi)- इस टीके से सम्बंधित अभी सभी जानकारी उपलब्ध नहीं है इसलिए ये टीका प्रेग्नेंट महिला को नहीं लगाया जाता है हालाँकि अगर किसी महिला को इससे सम्बंधित बीमारी होती है तो वो डॉक्टर से बात कर उचित इलाज ले सकती है |
  • खसरा, मंप्स और रूबैला (एमएमआर)- ये एक जीवित वायरसका टीका होता है इसलिए प्रेग्नेंट महिला को नहीं लगाया जाता है हालाँकि अगर किसी महिला को इससे सम्बंधित बीमारी होती है तो डिलीवरी के बाद ये टीका लगाया जा सकता है परन्तु प्रेगनेंसी में ये टीका बच्चे को नुकसान पंहुचा सकता है |
  • न्यूमोकोकल (pneumococcal)- इस टीके के बारे में भी अधिक जानकारी न होने की वजह से गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं लगाया जाता है |
  • ओपीवी और आईपीवी (OPV and IPV )- गर्भवती महिलाओं को पोलियों की जीवित वायरस और निष्क्रिय वायरस युक्त दवाओं नहीं दिया जाता है इसलिए ये टीका नहीं लगाया जाता है |
  • टाइफाइड- गर्भावस्था के दौरान टाइफाइड के टीका बच्चे को प्रभावित कर कर सकता है इसलिए यी टीका नहीं लगाया जाता है |
  • चेचक (varicella)- प्रेगनेंसी के दौरान ये टीका नहीं लगाया जाता है लेकिन अगर किसी महिला को इसका खतरा हो तो प्रेगनेंसी के पहले वो ये टीका लगवा सकती है |
  • एचपीवी (HPV vaccine)- डॉक्टर की सलाह के बाद ही गर्भवती महिलाओं को यह टीका लगवा सकती है |

क्या सावधानिया रखे ?

  1. टीका लगवाने के बाद कुछ समय आराम करे और हॉस्पिटल में ही रुके इससे किसी भी तरह ही अल्लेरी या रिएक्शन होने पर डॉक्टर से बात कर सकते है |
  2. टीका लगाने के बाद तुरंत पानी न लगाये या कोई दवा भी न लगाये |
  3. अगर बुखार , सुजन,या रेडनेस दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से बात करे |
  4. अगर दर्द महसूस हो रहा है तो एक सूती कपडे पर ठंडा पानी दल के सेक करे इससे आराम मिलेगा |

गर्भवती महिलाओ के टीकाकरण एक जरूरी प्रक्रिया होती है इसलिए इसे समय पर करवाना बोहोत आवश्यक है इसके लिए आप अपने डॉक्टर के रेगुलर संपर्क में रहे और उनके बताये सलाह को follow करे ताकि कोई भी चीज मिस न हो |

दी गई जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करके जरूर बताये |

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