Yolk Sac (योल्क सैक):- प्रेगनेंसी में दिखना है बोहोत जरूरी | क्या काम करता है ?

प्रेगनेंसी का पहला अल्ट्रासाउंड हर पेरेंट्स के लिए बोहोत जरूरी होता है क्युकी ये अल्ट्रासाउंड बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने के साथ में ही ये भी बताता है की माँ के शरीर में जरूरी ओर्गंस बन रहे है या नहीं योल्क सैक( yolk sac ) भी उन्ही जरूरी ओर्गंस में से ही एक है जो प्रेगनेंसी के पहले अल्ट्रासाउंड में जांचा जाता है |

आइये जानते है की क्या होता है yolk sac और प्रेगनेंसी में इसका क्या रोल (कार्य ) होता है ? साथ ही इसके खाली रहने से प्रेगनेंसी पर इसका क्या असर पड़ सकता है ?

क्या होता है Yolk Sac (योल्क सैक) ?

प्रेगनेंसी में योल्क सैक बच्चे को कवर करके रखने के लिए एक झिल्लीनुमा कवच होता है जो gestational sac के अन्दर बनता है और इसके अन्दर डेवेलोप होने वाला बच्चा सेफ रहता है क्युकी बच्चा अम्निओटिक फ्लूइड ( एक liquid जो बच्चे को प्रोटेक्ट करता है ) के अंदर रहता है |

gestational सैक के अन्दर सबसे पहले योल्क सैक बनता है और इन दोनों सैक के अन्दर बच्चा अम्निओटिक fluid में रहता है जिसके अन्दर योल्क सैक के द्वारा बच्चे को जरूरी nutrition माँ के शरीर से मिलते रहते है ये कार्य योल्क सैक करता है |

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कब दिखाई देता है ?

अगर आप transvaginal ultrasound कराने जा रहे है तो योल्क सैक प्रेगनेंसी कांसिवे होने के 3 से 4 हफ्ते में देखा जा सकता है क्युकी transvaginal ultrasound वेजाइना के द्वारा किआ जाता है इसलिए इसमें शरीर की ज्यादा क्लियर पिक्चर देखी जा सकती है |

परन्तु अगर आप अब्दोमिनल ultrasound कराने जा रहे है है तो योल्क सैक इतना जल्दी दिखाई नहीं देगा बल्कि कम से कम 6 हफ्तों के बाद ही योल्क सैक ट्रांस अब्दोमिनल ultrasound में दिखाई देता है ये ultrasound पेट के द्वारा किआ जाता है इसलिए इसमें ज्यादा क्लियर पिक्चर नहीं देखी जाती है |

अगर दिखाई न दे तो ?

एसा भी हो सकता है की आप अपने 6ठे हफ्ते में ultrasound करा रहे है और तब तक भी योल्क सैक दिखाई न दे | इसके कई कारण हो सकते है जैसे :-

डेट गलत होना :- एसा तब होता है जब प्रेग्नेंट महिला को अपनी लास्ट पीरियड की डेट सही ससे यद् नहीं होती है या फिर उनके पीरियड्स रेगुलर नहीं होते है एसी सिचुएशन में योल्क सैक के बन्ने का समय नहीं हुआ होता है और आप जल्दी ultrasound करा रहे होते हो | अगर डॉक्टर को एसा लगता है की योल्क सैक बन्ने में अभी समय है और डेट सही नहीं बताई गई है तो वो एक या दो हफ्तों के बाद फिर से ultrasound कराने की सलाह देते है |

मिसकैरिज की सम्भावना :- अगर 6 हफ्तों की प्रेगनेंसी होने के बाद भी अल्ट्रासाउंड में योल्स सैकनहीं दिखाई दे रहा हो या फिर योल्क सैक अपने नार्मल साक्ससाइज़ से छोटा दिखाई दे रहा हो तो काफी चांसेस है की मिसकैरिज हा है यानि बच्चे का विकास नहीं हो पाया है | एसी सिचुएशन में डॉक्टर कन्फर्म करने के लिए और ultrasound करा सकते है और अगर कन्फर्म है तो उसका इलाज कर सकते है |

एम्प्टी सैक प्रेगनेंसी :- इसका नाम भले ही प्रेगनेंसी है पर ये एक तरह का मिस कैरिज होता है जिसमे बच्चा uterus के अन्दर अन नेचुरल तरीके से डेवेलोप हो रहा होता है और कभी न कभी उसका विकास आगे जाके रुक सकता है क्युकी उसके पोषण देने के लिए योल्क सैक नहीं होता है |इस तरह की कंडीशन को anembryonic प्रेगनेंसी कहा जाता है | इसमें डॉक्टर नेचुरल तरीके से मिस कैरिज होने का इन्तेजार करते है या फिर  dilation and curettage (D&C) नमक तकनीक अपने जाती है जिसमे सर्विक्स वाले भाग को खोला जाता है जिससे बच्चा ( जो अब जिन्दा नहीं है ) वो अपने आप निकल जाता है |

प्रेगनेंसी में मिस कैरिज का होना एक दुखद अनुभव होता है जिससे उभरना किसी मुश्किल से कम नहीं होता एसी स्थिति में निराश नहीं होना चाहिए बल्कि पॉजिटिव थॉट और शुद्ध भावनाओ के साथ फिर से प्रयास करने चाहिए | अपने डॉक्टर से हमेशा बात करते रहे और उनकी सलाह माने और पॉजिटिव रहे |

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