प्रेगनेंसी में पहला अल्ट्रासाउंड कब ,कैसे और क्यों कराया जाता है ? पूरी जानकारी

प्रेगनेंसी में पहला अल्ट्रासाउंड मातापिता के लिए काफी एक्साइटमेंट(excitement) वाला होता है क्युकी ये उल्ट्रासाउंड प्रेगनेंसी कंफर्म करने के साथ साथ बहुत सी और जानकारी भी देता है तो इन्ही सब बारे मे डिटेल(detail) मे जानकारी यहाँ दे रहे है |

प्रेगनेंसी का पहला अल्ट्रासाउंड के बारे में पूरी जानकारी

कब कराया जाता है?

प्रेगनेंसी का पहला उल्ट्रासाउंड प्रेगनेंसी कंसीव(conceive) होने से लगभग 6 से 8 सप्ताह के बीच मे करवाया जाता है इसके लिए जब आप डॉक्टर से पहला checkup काराने जाते है तो वो पहला उल्ट्रासाउंड रिकमेनड(recommend) कर देते है पहले उल्ट्रासाउंड को बेबी सोनोग्रां भी कहा जाता है |

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पहले अल्ट्रासाउंड के प्रकार

ये उल्ट्रासाउंड दो तरह से किया जाता है एक वेजाइना(vagina) के द्वारा और दूसरा पेट(abdomina) के द्वारा.

Vagina के द्वारा जो उल्ट्रासाउंड किया जाता है उसे (transvagina ट्रांसवेजीनल उल्ट्रासाउंड कहा जाता है इस प्रक्रिया मे डॉक्टर या टेकनीसियन(technician) द्वारा प्रोब को प्रेग्नेंट महिला की वेजाइना(vagina) के अंदर डाला जाता है और फिर जरूरी चेक और नाप(measurements) कीये जाते है. इसके द्वारा गर्भाष्य का साइज, योल्कसैक(yolk sac) का साइज़, योल्कसैक(yolk sac) के चारो और जो फेटलपोल (fetal pole) होता है उसका साइज़, बच्चे की हार्ट बीट सब नापी जाती है. क्युकी ये उल्ट्रासाउंड अंदर तक जांच करता है इसलिए परिणाम भी इसके सही होते है भले ही गरभाष्य और योल्क इस समय काफी छोटे ही क्यों ना हो.

दूसरा उल्ट्रासाउंड अब्डोमिनल उल्ट्रासाउंड केहलाता है इसे कराने के लिए डॉक्टर द्वारा प्रेग्नेंट महिला को पानी पी कर आने को कहा जाता है ताकि इससे युटरस(uterus) की पोजीशन सही से रहे और नाप(measurment) भी ठीक तरह से हो. इस उल्ट्रासाउंड को करने के लिए महिला के पेट पर जेल लगाया जाता है और फिर ट्रांसीवर(transceiver) की मदद से अलग अलग एंगल से जाच की जाती है. ज्यादा बारीकी से इस उल्ट्रासाउंड द्वारा नही जाचा जा सकता उसके लिए ट्रांसवेजीनल(transvaginal) उल्ट्रासाउंड बेस्ट होता है.|

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क्या क्या प्रॉब्लम आने की संभावना रहती है?

  • पहले उल्ट्रासाउंड मे हो सकता है की बच्चे की हार्टबीट(heartbeat) ना दिखाई दे ऐसी स्थिति मे डॉक्टर एक सप्ताह मे दोबारा उल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देते है, ऐसा किसी भी कारण से हो सकता है जैसे लास्ट पीरियड्स की डेट गलत होना या हार्टबीट(heartbeat) काफी हलकी होना जैसी कोई भी गलती होना.


  • दूसरी प्रॉब्लम होती है गर्भाष्य का खाली होना, पहले उल्ट्रासाउंड मे बच्चे का साइज काफी छोटा होता है इस कारण वो गर्भाष्य मे दिखाई नही देता है ऐसी स्थिति मे डॉक्टर एक सप्ताह मे फिर से उल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे सकते है.


  • अगर पहले ही उल्ट्रासाउंड मे डॉक्टर ये जांच कर लेते है की बच्चे का विकास ठीक से नही हुआ है तो ऐसे स्थिति मे गर्भपात(miscarriage) कराने की सलाह दी जाती है पर पहलीसोनोग्राफी( first ultrasound) ये निर्णय करने के लिए काफी जल्दी होता है इसलिए डॉक्टर द्वारा आगे और अल्ट्रासाउंड (ultrasound) और टेस्ट कराये जा सकते है ताकि किसी भी प्रॉब्लम का कन्फर्म होने के बाद ही निर्णय लिया जाता है|

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जाने से पहले क्या तैयारी रखे?

  • अगर आप पेट के (abdominal ultrasound) के लिए जा रहे है तो जाने से पहले लगभग दो गलास पानी पी ले इससे उल्ट्रासाउंड करने मे आसानी रहती है और measuremnet भी सही आता है.

  • लूज़ कपड़े पहन के जाए जिससे अल्ट्रासाउंड (ultrasound) कराते समय आरामदायक रहे.

  • अपना आईडी कार्ड की फोटोकॉपी साथ ले जाए.

  • मास्क व सनितैज़ेर (SANITIZER) का उपयोग करे ताकि इस दौरान कोरोना के खतरे से सेफ रहे.

  • अपनी लास्ट पीरियड तारिख (LMP) याद कर ले, ये पूछी जाती है जिससे due date का पता चलता है.

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आप क्या सवाल पूछ सकते है?

वैसे तो अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट मे सब लिखा होता है पर डॉक्टर से आप बच्चे की वेल बेइंग के बारे मे पूछ सकते है इस अल्ट्रासाउंड मे क्युकी बच्चे का साइज बोहोत ही छोटा होता है इसलिए वो सही से दिखाई नही देता है पर आप ये पूछ सकते है की हार्टबीट(heartbeat) पताचल रही है क्या बच्चे की, बाकी सब आप डॉ से पता (discuss) कर सकते है.

पहली अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट खुद से कैसे देखे?

पहली अल्ट्रासाउंड मे जो जरूरी चीजे उल्ट्रासाउंड मे बताई जाती है वो है बच्चे की हार्टबीट (heart rate) और युटरस (uterus) और बच्चे से सम्बंधित कुछ नाप (measurement) लिए जाते है,

नीचे दिए गए विडियो में सभी कुछ अछे से समझाया गया है की किस तरह से आप पहली ultrasound रिपोर्ट को पड़े |

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