जुड़वाँ बच्चे पैदा करने के असरदार घरेलू तरीके | Twins Pregnancy Tips.

Twins Pregnancy Tips.

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जुडवा बच्चे कोन नहीं चाहता , मुख्य रूप से वो दम्पति जिनके एक भी संतान नहीं है वो जुड़वाँ बच्चे जरूर चाहेंगे , लेकिन जुड़वा बच्चे कैसे पैदा करें इसके पीछे कई फैक्टर शामिल होते है जैसे महिला की उम्र, खान पान , महिला की हाइट या फिर परिवार में पहले किसी के जुड़वाँ बच्चे हुए हो | ये सभी चीजे नेचुरल रूप से जुड़वाँ बच्चे पैदा करने में मदद करती है |

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लेकिन आजकल साइंस में कई ऐसे ट्रीटमेंट और दवाइया उपलब्ध है जिनके उपयोग करने पर एक से ज्यादा बच्चे की गर्भावस्था होने के चांसेस काफी बढ़ जाते है | इस आर्टिकल में इन सभी विषयों पर अध्यन करेगे |

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ट्विन्स कितने प्रकार के होते हैं :-

गर्भ में जुड़वा बच्चे साधारण रूप से दो प्रकार के होते हैं :-

एक होते हैं monozygotic twins जो कि देखने में बिल्कुल एक जैसे होते हैं। क्योंकि ये twins तब बनते हैं जब एक अंडाणु को एक sperm fertilise करता है और fertilize होने के बाद वो अंडाणु दो भागो में बट जाता है तो फिर यही दो भाग महिला के गर्भाशय में अलग अलग शिशु के रूप में विकसित होते है |

दूसरा होता है dizygotic twins जो कि देखने में एक दूसरे से अलग होते हैं, हो सकता है की इनका लिंग भी अलग अलग हो , क्योंकि ये twins तब बनते हैं जब दो अलग अलग अंडाणु को दो अलग अलग sperm fertilise करते हैं। और दोनों अंडाणु गर्भाशय में अलग अलग शिशु के रूप में विकसित होते है |

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जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते हैं?

जुड़वा बच्चे किस कारण होते हैं:- महिलाओं के शरीर में दो ovary होती हैं, परन्तु हर महीने किसी एक ओवरी से अंडाणु निकल कर गर्भाशय में आता है, और यदि अंडाणु के आने के 24 48 घंटे में यदि शुक्राणु मिल जाता है तो गर्भधारण हो जाता है। ये एक सामान्य प्रक्रिया है।

परंतु यदि कभी किसी महीने में दोनों ओवरी से दो अंडाणु बाहर आ जाते हैं और दोनों को शुक्राणु मिल जाते हैं तो एक साथ 2 शिशु बन जाते हैं इनको मेडिकल भाषा में dizygotic twins बोला जाता है।

ये आपस में उतने ही अलग होते हैं जितने अलग अलग समय पर पैदा हुए भाई बहनों को बोला जा सकता है बस फर्क इतना होता है की इनका समय एक होता है |

इनके लिंग भी कुछ भी हो सकते हैं: दोनों लड़कियॉं हो सकती हैं, दोनों लड़के भी हो सकते हैं या एक लड़की और एक लड़का भी हो सकता है।

परन्तु कभी कभी अंडाणु शुक्राणु का निषेचन से जो शिशु कोशिका बनती है वो आगे पहुचते पहुचते टूट जाती है और दो अलग अलग शिशुओ में बट जाते है इनको monozygotic twins कहते हैं इनको identical twins भी कहा जाता है।

ये दोनों बच्चे अलग अलग भी हो सकते हैं पर कई बार विभाजन पूरा नहीं होता है तो ये बच्चे किसी ना किसी भाग से जुड़े रहते हैं इस तरह के बच्चों को conjoint twins कहा जाता है।

Identical twins वाले शिशु जैसा नाम ही बता रहा है ये हर तरह से एक दूसरे के जैसे होते हैं और इनका लिंग भी एक ही होता है या तो दोनों लड़के होंगे या दोनों लड़कियाँ होंगी।

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जुड़वाँ बच्चे(twins)पैदा करने वाले मुख्य फैक्टर्स :-


आइये जानते है की गर्भ में जुड़वा बच्चे पैदा होने के पीछे क्या फैक्टर्स जुड़े होते है |

  1. एक से अधिक प्रेगनेंसी :-
    जो महिलाए एक से अधिक बार प्ररेग्नेनेंट हो चुकी होती है उनमे ट्विन्स पैदा करने की सम्भावना बढ़ जाती है | क्योकि एक बार गर्भावस्था होने के बाद अंडाणु का दोहरा फर्टिलाइजेशन होना आसन होता है तो जुड़वाँ बच्चे के पैदा होने की सम्भावना भी पहले से अधिक होती है |
  2. आपके शरीर की बनावट :-
    अध्ययनों ने साबित किया है कि लंबी और भारी महिलाओं में छोटी और पतली महिलाओं की तुलना में जुड़वा बच्चों के प्रेगनेंसी की संभावना अधिक होती है। जो महिलाएं कम वफैट वाला खाना खाती हैं, उनमें जुड़वा बच्चों को जन्म देने की संभावना कम होती है।
  3. आनुवंशिकता (Heredity):-
    जैसा कि पहले बताया गया है , जुड़वाँ बच्चे होने के पीछे काफी कुछ अनुवांशिक कारण होता है और यदि अनुवांशिकता माँ की तरफ से होती है तो चांसेस अधिक हो जाते है |
  4. महिला की उम्र :-
    30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं follicle बढाने वाले हार्मोन का उत्पादन ज्यादा करती हैं जिससे जुड़वाँ होने की संभावना बढ़ जाती है। इस हार्मोन का कार्य ओवुलातिओं के दिनों में अंडाणु की संख्या को बढ़ाना होता है इसलिए यदि अंडाणु ज्यादा होंगे तो एक से अधिक बच्चे होने की संभावना भी अधिक होगी |
  5. रहने का स्थान :-
    इसका बोहोत फर्क पड़ता है की आप किस स्थान पर रहते है , अध्यान में पाया गया है की यूरोप और अफ्रीका में रहने वाली महिलाओ में twins पैदा करने की संभावना एशिया और अमेरिका के मुकाबले ज्यादा होती है |
  6. महिला की हाइट :-
    ऐसा माना जाता है कि लम्बी महिलाए जो 5’4 से अधिक हाइट की होती है उनमे छोटी महिलाओ के मुकाबले twins पैदा करने की सम्भावना ज्यादा होती है |
  7. प्रजनन उपचार
    आईवीएफ तथा आईयुआई जैसे कुछ प्रजनन उपचार जुड़वा बच्चों के गर्भवती होने की संभावना को काफी बढ़ा सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमे उपयोग होने वाली दवाइया जैसे Clomid (clomiphene), Gonal-F (follitropin alfa), and Follistim (follitropin beta) आदि ओव्यूलेशन के समय अंडाशय को एक से अधिक अंडे छोड़ने के लिए उत्तेजित करती हैं।

जुड़वा बच्चे(twins)कैसे पैदा किये जा सकते हैं?

जुड़वांं बच्चे होने के लिए प्राकृतिक तरीके :-

  1. अपनी अगली गर्भावस्था में देरी करें
    एक गर्भावस्था होने के बाद अगली गर्भावस्था में देरी करे इससे twins पैदा होने के चांसेस बढ़ेंगे |
  2. स्तनपान कराने के दौरान गर्भधारण करने की कोशिश करें
    प्रोलैक्टिन एक घटक है जो आपका शरीर स्तनपान के दौरान पैदा करता है। यह घटक गर्भवती होने और जुड़वा बच्चों को गर्भ धारण करने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
  3. डेयरी उत्पादों की अपनी खपत बढ़ाएँ
    गाय के दूध से बने दूध और अन्य डेयरी उत्पादों में कई वृद्धि हार्मोन पाए जाते हैं, इसलिए यदि आप जुड़वा बच्चों को गर्भ धारण करना चाहती हैं तो इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  4. अपने साथी से जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने के लिए कहें
    चूंकि जिंक युक्त खाद्य पदार्थ शुक्राणुओं के उत्पादन में तेजी लाते हैं, इसलिए आपके साथी को इनका अधिक सेवन करना चाहिए। इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि निषेचन प्रक्रिया जुड़वा बच्चों को गर्भ धारण करने में मदद करती है।
  5. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं
    चूंकि जुड़वा बच्चों को गर्भ धारण करने की आपकी बहुत सारी संभावनाएं हाइपरोव्यूलेशन पर निर्भर करती हैं, इसलिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ इसे बढ़ावा देने में मददगार हो सकते हैं। साबुत अनाज, टोफू, सोया आइसोफ्लेवोन्स और विशेष रूप से याम आपके अंडाशय को अति-उत्तेजित करने में मदद करते हैं, जिससे जुड़वाँ होने की संभावना बढ़ जाती है।
  6. फोलिक एसिड की खुराक लें
    जुड़वाँ बच्चो को पैदा करनेमे फोलिक एसिड काफी मदद कर सकता हो इसलिए डॉक्टर की सलाह पर फोलिक एसिड की खुराक ले | सोयाबीन, आलू, गेंहू, चुकंदर, केला और ब्रोकली में भरपूर मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है और इन्हें आप आसानी से घर में ले सकती है |
  7. सेक्स पोजीशन
    ऊपर बताए गए तरीकों के अलावा, यह व्यापक रूप से माना जाता है कि कुछ सेक्स पोजीशन से जुड़वा बच्चों के गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है, जैसे डोगी स्टाइल तथा मिशनरी पोजीशन इस सन्दर्भ में बेस्ट मानी गई है |

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जुड़वांं बच्चे होने के लिए प्रजनन उपचार

जुड़वांं बच्चे पैदा करने के लिए आज के समय में कई तरह के तरीके भी आ चुके हैं। इस बारे में आपको डॉक्टर आपके लिए बेहतर प्रजनन उपचार बता सकते हैं। फिलहाल, हम यहां कुछ आम तरीके बता रहे हैं :

  • आईवीएफ : जो महिलाएं आईवीएफ के जरिए गर्भवती होती हैं, उनमें एक से ज्यादा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है, गर्भ में कितने भ्रूण स्थानांतरित किए जा रहे हैं। ऐसा साबित भी हो चुका है कि आईवीएफ प्रक्रिया से गर्भवती हुई महिला समान दिखने वाले बच्चों को जन्म देती है।
  • आईयूआई : इस प्रक्रिया में सिरिंज के जरिए महिला के गर्भाशय में स्पर्म डाले जाते हैं। हालांकि, केवल आईयूआई के जरिए ही twins गर्भावस्था की संभावना नहीं बढ़ जाती। इसके लिए महिला को प्रजनन दवाएं लेने की भी जरूरत पड़ती है।

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कुछ असाधारण प्रश्नों के जवाब :-

क्या खुद जुड़वाँ होने से गर्भ में जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है?

ऐसे बहुत से कारक होते है जो जुड़वाँ बच्चे पैदा करने में मदद कर सकते है , ये भी एक फैक्टर हो सकता है |

अल्ट्रासाउंड के आविष्कार से पहले उन्हें कैसे पता चला कि किसी के जुड़वां बच्चे हैं?

एसा नहीं होता है , क्युकी पहले के समय में ultrasound या इसके जेसी कोई तकनीक नहीं थी , केवल डिलीवरी के समय ही डॉक्टर पेट को हाथ लगाकर और दिल की दहाड़कर देखकर जांच किया करते थे |

क्या जुड़वाँ होने की संभावना को कम करना संभव है? कैसे?

ऊपर बताये गए कारको तथा गर्भधारण के साइंटिफिकतरीको का उपयोग नहीं करने पर twins पैदा करने की सम्भावना को कम किया जा सकता है |

जुड़वा पुत्र कैसे प्राप्त करें?

अगर आप जिमीकंद(Yam) को अपनी DIET में नियमित रूप से शामिल करेगी तो अधिक से अधिक चांस हैं कि आपको जुड़वां बच्‍चे(Twins) होगे |अफ्रीका में यारूबा जनजाति के लोगों में देखा गया है कि उच्‍च जन्‍मदर केवल जुडवा बच्‍चों की ही है। इस पर जब रिसर्गच किया गया तो पाया गया कि ये लोग अपनी डाइट में जिमीकंद(Yam) का सेवन सबसे ज्‍यादा करते थे। जिमीकंद में मौजूद रसायन हाइपर ओव्‍यूलेशन में मदद करता है।

जुड़वा बच्चे लड़का लड़का होने के लक्षण क्या है ?

गर्भावस्था में कमर दर्द , सोने की पोजीशन का बायीं तरफ होना , पेट की सीधी लाइन होना, चेहरे का रंग फीका पड़ना आदि कुछ लक्षण पेट में लड़का होने की तरफ इशारा करते है |

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