अगर दिख रहे है ये 10 साफ़ संकेत तो समझ ले गर्भ में लड़का ही है | बेबी बॉय टेस्ट एट होम

अगर दिख रहे है ये 10 साफ़ संकेत तो समझ ले गर्भ में लड़का ही है | बेबी बॉय टेस्ट एट होम

प्रेगनेंसी हर महिला की जिंदगी का सबसे ख़ूबसूरत समय होता है ये आने वाले कल को लेकर काफी उत्सुकता लेकर आता है साथ ही महिला के मन में एक सवाल भी पैदा करता है की गर्भावस्था में कैसे पता करे की पेट में लड़का है या लड़की |

ज्यादातर महिलाए इस सवाल का जवाब ढूँढने के लिए कई सारे टेस्ट करती है या पुराने लोगो द्वारा बताए गए संभावनाओ को जांचती है जिसके द्वारा ये पता लगाया जाता है की पेट में पलने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की | घरेलु लेवल पर जो संभावनाए देखी जाती है वो है :-

  1. महिला अगर दाई करवट सो रही है तो लड़की है और अगर बाई करवट सो रही है तो लड़का है |
  2. प्रेग्नेंट महिला को अगर उलटिया या मितली ज्यादा आ रही है तो लड़का है और नहीं आ रही तो लड़की है |
  3. गर्भवती महिला को अगर खाने में फ़ास्ट food या नमकीन पसंद है तो लड़का होगा और अगर मीठा खाना पसंद है तो लड़की के लक्षण है |
  4. गर्भावस्था में अगर महिला की त्वचा का रंग डार्क और काला पड़ गया है तो लड़का है और अगर चमकदार हो गया है तो लड़की है |
  5. प्रेग्नेंट महिला के कमर में यदि दर्द रहता है तो लड़का है और पेट में दर्द है तो लड़की है |

तो ये कुछ ऐसे संभावनाए है जो 60 से 70 प्रतिशत तक सही परिणाम देते है लेकिन प्रेग्नेंट माँ के पेट में क्या जेंडर पल रहा है इसके बारे में 100 प्रतिशत सही जानकारी न तो ये घरेलु प्रेडिक्शन से होता है और न ही डॉक्टर के द्वारा कराये हुए ultrasound से |

अगर आप ये जानना चाहते है की घर में कैसे टेस्ट करे की आप प्रेग्नेंट है तो यहाँ क्लिक करे |

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अल्ट्रासाउंड में कैसे पता चलता है की गर्भ में लड़का है या लड़की

अब आप कहेगे की अल्ट्रासाउंड से तो सही जेंडर का पता चल ही सकता है तो नहीं एसा नही होता है क्युकी इसके लिए भी कई फैक्टर्स शामिल होते है :-

1. पहला फैक्टर होता है :- gestational age (गर्भावस्था अवधि) यानि जिस समय आप ultrasound कराने जा रहे हो या कराना चाहते है उस समय तक बच्चे के genitals अच्छे से बने है या नहीं क्युकी अगर तब तक नहीं बने हुए हो या साइज़ में काफी छोटे है तो वो अल्ट्रासाउंड में सही से दिखाई नही देंगे और confusion भी क्रिएट कर सकते है यानि गलत परिणाम भी दे सकते है , ज्यादातर मामलो में पेट में बच्चे के genitals(जननांग) 6 हफ्तों के बाद बनना शुरू हो जाते है पर पूरी तरह से अल्ट्रासाउंड में दिखाई दे उसके लिए 18 हफ्तों के बाद का समय सही होता है यानि 18 हफ्ते में पूरी तरह से डेवेलोप हो जाते है , पर अगर आप nipt टेस्ट या और किसी blood टेस्ट के द्वारा ये जानना चाहते है की बच्चा लड़का है या लड़की तो उसके लिए आप 11 हफ्तों के बाद टेस्ट करा सकते है |

दूसरा फैक्टरहोता है बेबी की पोजीशन यानि बच्चा एसी पोजीशन में होना चाहिए जिसमे उसके पैर खुले हुए हो, और बच्चा सीधा हो जिससे वो अल्ट्रासाउंड में दिखाई दे लड़के के मामले में उसके जननांग इरोटिक (सीधा खडा हुआ ) हो तो साफ़ दिखाई देता है |

डॉक्टर्स द्वारा अल्ट्रासाउंड के दौरान टर्टल या हैमबर्गर इन दो आकारों को देखते है अगर बच्चे के जननांग टर्टल शेप में दिखाई देता है तो लड़का है और अगर हम्बर्गर शेप दिखाई देता है तो वो लड़की है आप भी अपने बच्चे की अल्ट्रासाउंड की फोटो में ये शपेस देख सकते है और पता लगा सकते है अपने बच्चे के जेंडर क्या है |

हां लेकिन आप डॉक्टर से इस बारे में बात नहीं कर सकते है न ही अल्ट्रासाउंड के दौरान ,न बाद में | क्युकी ये बात करना या पूछना इंडिया में कानूनी अपराध है इसके लिए सजा भी हो सकती है इसलिए डॉक्टर्स से न पूछे , बल्कि रिपोर्ट में या अल्ट्रासाउंड के दौरान मॉनिटर पर भी आपको देखने की परमिशन मिल जाती है , वो आप कर सकते है |

सोनोग्राफी रिपोर्ट में गर्भ में लड़का होने के अन्य संकेत :-

बच्चे के दिल की धड़कन :-

वेसे तो दिल का धडकना लड़का या लड़की नहीं देखता लेकिन पुराने लोगो द्वारा कहा जाता है और कई प्रतिशत तक ये सही भी हो सकता है की अगर गर्भवती महिला के अल्ट्रासाउंड में बच्चे के दिल की धड़कन 155 या उससे कम आती है तो ये लड़का होने के संकेत है और अगर 155 से ज्यादा आती है तो लड़की के होने की और इशारा करता है |

प्लेसेंटा की पोजीशन :-

प्लेसेंटा गर्भावस्था के समय बन्ने वाला एक अंग होता है जिसका कार्य बच्चे को माँ से जोड़ना होता है और माँ के खाने से जो जरूरी विटामिन्स है उन्हें बच्चे तक सप्लाई करना होता है , पर क्या आप सोच सकते है की प्लेसेंटा की पोजीशन के आधार पर भी लड़के और लड़की का पता चल सकता है ? नहीं ये थ्योरी पहले के समय में कही जाती थी पर अब ये कई मामलो में गलत साबित हो चुकी है इसलिए इस आधार पर आप पेट में अद्के की पहचान नहीं कर सकते है |

प्लेसेंटा के बारे में 10 मजेदार तथ्य जानने के लिए क्लिक करे :

एरेटिक पेनिस :-

ये एक सही तरीका ये जानने का की गर्भवती महिला के पेट में लड़का है क्युकी इस कंडीशन में ultrasound के दौरान बच्चे का जननांग खडा हुआ होता है जो एक नार्मल प्रक्रिया है और इस स्थिति में पेट में लड़के के होने की साफ़ साफ़ पुष्टि हो जाती है |

बच्चे के सिर का आकार :-

इस तरीके के द्वारा पेट में अल्ट्रासाउंड द्वारा लड़के की पहचान केवल एक्सपर्ट ही कर सकते है क्युकी डॉक्टर या एक्सपर्ट ही अपने अनुभव के आधार पर मूल्याङ्कन कर लेते है की लड़के के सिर का आकार केसा होता है और लड़की के सिर का आकार केसा | हम या आप लोग घर में सोनोग्राफी रिपोर्ट का देखकर इस बात का पता नहीं लगा सकते है |

घर में कैसे पता करें कि लड़का है

अब जानिए कुछ असरदार तरीके जिनकी मदद से आप घर में ही टेस्ट कर सकते है की गर्भ में लड़का है या लड़की |

पहला तरीका है बेकिंग सोडा के द्वारा और दूसरा होता है रेडीमेड जेंडर टेस्ट किट |

बेकिंग पाउडर से प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें:-

बेकिंग सोडा टेस्ट में आप रात में पानी पी कर सोए और सुबह पेशाब को किसी बर्बतन में ले अब आपको सुबह के पहले पेशाब में थोडा सा बेकिंग सोडा मिलाना है और ये देखना है की उसमे झाग निकल रहे है या नहीं , अगर झाग निकल रहे है तो मतलब आपके पेट में लड़का है और अगर नहीं निकल रहे तो लड़की है |

ये टेस्ट पूरी तरह से महिला के शरीर में बनने वाले हारमोंस पर निर्भर करता है जो की कम या ज्यादा हो सकते है इसलिए इस टेस्ट का कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है पर आप इसे अजमा सकते है और डिलीवरी के बाद के परिणाम से मैच कर सकते है अगर आपने पहले कभी इसे अजमाया है तो अपना अनुभव कमेंट box में जरूर शेयर करे |

जेंडर टेस्ट किट से प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें :-

दूसरा तरीका है intelligender नाम की टेस्ट किट जिसकी मदद से आप डायरेक्ट किट में लिखे निर्देशों को follow करके जेंडर का टेस्ट पेट में ही कर सकते है | इसके लिए आप बाजार से या ऑनलाइन इस टेस्ट किट को खरीद ले और product पर दिए गए निर्देशों को देखते हुए अपना जेंडर टेस्ट करे और फिर परिणाम देखे |हालाँकि product बनाने वाली कंपनी इसके परिणाम के सही होने का कोई दावा नहीं करती है ये पूरी तरह से अनुभव पर आधारित होता है |

वैज्ञानिक तरीके से कैसे जाने गर्भ में लड़का है या लड़की ?

गर्भा में लड़का या लड़की होने का पता लगाने के लिए कुछ blood टेस्ट और अन्य टेस्ट भी होते है जिनसे आप आसानी से जेंडर का पत्ता लगा सकते है हालाँकि इंडिया में ये जानना कानूनी अपराध है पर अगर आप किसी और देश में है तो ये टेस्ट करा के आप जेंडर का पता कर सकते है |

NIPT test

इस टेस्ट का पूरा नाम नॉन इनवेसिव पैरेंटल टेस्ट है यह एक non invasive test हैं जिसका मतलब होता है इसमें किसी प्रकार से चीर फाड नहीं की जाती है ज्यादातर मामलो में इस टेस्ट का उपयोग बच्चे में genital प्रॉब्लम का पता लगाने के लिए किआ जाता है , क्युकी ये टेस्ट बोहोत महंगा होता है इसलिए केवल जेंडर का पता लगाने के लिए ये टेस्ट कराना मैं recommend नहीं करुँगी क्युकी इसके लिए कई सस्ते टेस्ट भी अवेलेबल होते है जैसे लेवल 2 ultrasound या कोई साधारण स्क्रीनिंग टेस्ट |

लेवल 2 अल्ट्रासाउंड के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करे |

Amniocentesis (अम्नियोसन्तेसिस)

ये परिक्षण शिशु का विकास दर को देखने के लिए किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर गर्भवती महिला के शरीर से कुछ मात्रा में amniotic fluid की लेते है और टेस्टिंग के लिए भेज देते है।

Amniocentesis में शिशु के जेनेटिक्स से सम्बंधित सभी तरह के इंफॉर्मेशन होते है इसके द्वारा भी शिशु का लिंग जन्म से पहले पता लगाया जा सकता है।

CVS test

ये भी एक साधारण blood टेस्ट ही होता है जिसमे गर्भ में बच्चे के डीएनए की जांच की जाती है और किसी तरह की genital abnormality का पता लगाने के लिए किआ जाता है हालाँकि इस टेस्ट के द्वारा गर्भ में बच्चे के लिंग का पता भी चलता है इसलिए लिंग जांच भी इससे हो जाती है जबकि इस टेस्ट का उद्देश्य लिंग जांचना नहीं होता है |

अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है

डॉक्टर्स द्वारा अल्ट्रासाउंड के दौरान टर्टल या हैमबर्गर इन दो आकारों को देखते है अगर बच्चे के जननांग टर्टल शेप में दिखाई देता है तो लड़का है और अगर हम्बर्गर शेप दिखाई देता है तो वो लड़की है आप भी अपने बच्चे की अल्ट्रासाउंड की फोटो में ये शपेस देख सकते है और पता लगा सकते है अपने बच्चे के जेंडर क्या है |

FAQ – अकसर पूछे जाने वाले सवाल

गर्भ में लड़का किस साइड रहता है right ya left

गर्भ में लड़का हो या लड़की वो साधारण तरह से ही रहते और विकसित होते है इसलिए ये बता पाना मुश्किल होता है की लड़का किस साइड रहता है | लेकिन ज्यादातर मामलो में पेट में लड़का होने पर बाई तरफ भर अधिक रहता है | इसका कोई निश्चित प्रमाण नहीं है |

गर्भ में लड़का होने पर कहां दर्द होता है

अगर प्रेग्नेंट महिला के पेट में लड़का होता है तो उसकी कमर में लगातार दर्द रहता है और अगर महिला के लड़की होने वाली है तो पेट में दर्द ज्यादा रहता है |

अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है

अल्ट्रासाउंड में लड़के की पहचान के लिए बच्चे के जननांग देखे जाते है अगर पेनिस का आकार दिखाई देता है तो लड़का होता है और अगर हैमबर्गर जेसा आकार दिखाई देता है तो लड़की है |

प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए?

गर्भावस्था में बच्चे की हार्ट बीट 120 से 160 के बीच कुछ भी हो सकती है ये समय समय पर बदलती रहती है इसका बेटे या बेटी होने से कोई सम्बन्ध नहीं होता है |

प्रेगनेंसी में कौन कौन सी सब्जी नहीं खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में बेंगन नहीं खाना चाहिए इससे गर्भपात का खतरा हो सकता है | साथ की कच्चे स्प्रोउट और कच्ची सब्जिय भी नहीं खानी चाहिए हमेशा इन्हें पका के या उबाल के ही खाए |

कुछ शब्द मेरी तरफ से :-

आप को मैं ये कहना चाहती हु इन सब टेस्ट या प्रेडिक्शन की वजह से आप कोई भविष्य का निर्णय न ले जिसकी वजह से आपको बाद में पछताना पड़े | बच्चे का असली लिंग बच्चे के जनम के बाद ही पता चलता है कई बार डॉक्टर्स भी गलत हो जाते है इसलिए आंख बंद करके आप किसी भी तरीके पर विश्ववास न करे और प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा न सोचे बस खूब खाए पीये और लाइफ को एन्जॉय करे ताकि होने वाला बच्चे स्वस्थ पैदा हो ,प्रेगनेंसी में क्या डाइट प्लान follow करे इसके बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करे |

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