गर्भावस्था में Amniocentesis Test :-प्रक्रिया,परिणाम व लागत|

एमनियोसेंटेसिस

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गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड से लेकर रक्त परीक्षण तक कई प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं – जो नियमित रूप से आपके पूरे नौ महीनों में होते हैं। एक परीक्षण जो दूसरी तिमाही (second trimester) में हो सकता है, वह है एमनियोसेंटेसिस।

Amniocentesis test क्या है?


amniocentesis procedure जिसे संक्षेप में “एमनियो” कहा जाता है यह डिलीवरी से पहले किआ जाने वाला एक चिकित्सा परीक्षण होता है | जिसमें आपके बच्चे को प्रोटेक्ट करने वाले अम्निओटिक फ्लूइड (एक तरल पदार्थ जो बच्चे को चारो तरफ से ढक कर रखता है ) इस एमनियोटिक द्रव की थोड़ी सी मात्रा को निकालने के लिए गर्भवती महिला के पेट के माध्यम से गर्भाशय में एक बहुत पतली, लंबी सुई डाली जाती है। हालाँकि यह एक सरल प्रक्रिया होती है जिसे करने में केवल एक या दो मिनट का समय लगता है,परन्तु एमनियोसेंटेसिस टेस्ट ( amniocentesis test ) हमेशा एक्सपर्ट डॉक्टर द्वारा किया जाता है, आमतौर पर वह डॉक्टर मातृ-भ्रूण चिकित्सा में माहिर होता है।

गर्भावस्था के दौरान बनने वाला यह एमनियोटिक द्रव डॉक्टरों को आपके बच्चे के बारे में आनुवंशिक जानकारी देता है, क्योंकि इस तरल में ऐसी कोशिकाएँ होती हैं जो आपके बच्चे का प्रतिनिधित्व करती हैं। नमूना लेने के बाद, द्रव को एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है, जहां इसके आनुवंशिक विकारों जैसे डाउन सिंड्रोम या सिस्टिक फाइब्रोसिस या अप्रत्यक्ष रूप से जन्म दोषों जैसे स्पाइना बिफिडा (जिसे अक्सर अल्ट्रासाउंड द्वारा पहचाना जाता है) के लिए किया जा सकता है।

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Amniocentesis test कब किया जाता है?


amniocentesis test बच्चे के स्वास्थ्य को निर्धारित करने के लिए तथा कई आनुवंशिक बीमारियों को दूर करने के लिए एक जरूरी टेस्ट माना जाता है लेकिन क्योंकि इसमें जटिलताओं का खतरा होता है, यह केवल कुछ चुनिंदा मामलों में ही किया जाता है, जिसे लिम कहते हैं। आपके डॉक्टर कुछ मामलो में जिनके पाए जाने पर इस टेस्ट को कराने की सलाह दे सकते है जैसे :-

  • अल्ट्रासाउंड में कोई प्रॉब्लम पाई जाना
  • एब्नार्मल रक्त परीक्षण के परिणाम आना
  • कुछ जन्म दोषों का पारिवारिक इतिहास होना
  • पहली गर्भावस्था या पहले बच्चे में किसी जनम दोष का होना

एसी किसी भी प्रॉब्लम के होने पर इस प्रसवपूर्व परीक्षण का सुझाव दिया जाता है। ये एक साधारण blood टेस्ट होता जिसमे मां के रक्त में से बच्चे के डीएनए की जांच की जाती है।

amniocentesis blood test की प्रक्रिया आमतौर पर 15 से 23 सप्ताह के बीच की जाती है, जिसे लिम कहते हैं लेकिन कभी-कभी गर्भावस्था में बाद के समय में अल्ट्रासाउंड कराने पर या ब्लड टेस्ट कराने पर रिपोर्ट असामान्य आने की स्थिति में भी यह यह टेस्ट डॉक्टर द्वारा करवाया जा सकता है ताकि आगे और जांच की जा सके |हालाँकि तीसरी तिमाही में यह amniocentesis procedure कराना बोहोत कम मामलो में ही होता है उदाहरण के लिए, गर्भाशय के संक्रमण का निदान करने के लिए या आनुवंशिक परीक्षण करने के लिए या फिर गर्भावस्था के दौरान यदि किसी जन्म दोष का देर से पता चलता है तो एसी स्थिति में आपके डॉक्टर द्वारा amniocentesis test कराने का सुझाव दिया जा सकता है|

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Amniocentesis test के जोखिम क्या हैं?


Amniocentesis test में मुख्य चिंता गर्भपात का होना है, क्योंकि इस प्रक्रिया में उपयोग होने वाली सुई गर्भवती महिला के गर्भाशय को छेद सकती है, जिससे गर्भाशय में एक छोटा छेद बन जाता है जिससे खून बह सकता है, जो आसानी से ठीक नहीं हो सकता है और इससे एमनियोटिक द्रव का रिसाव हो सकता है इसके अलावा गर्भाशय में संक्रमण का खतरा भी बन सकता है जिसके कारण गर्भपात भी हो सकता है और इतना ही नहीं, ये सुई बच्चे के संपर्क में भी आ सकती है। इसलिए डॉक्टर बताते है की “हम amniocentesis procedure में एक पतली सुई का उपयोग करते हैं, इसलिए ये जटिलताएं बहुत ही कम देखने को मिलती है, लेकिन सभी परीक्षणों में कोई न कोई जोखिम होता ही है,”|

क्या amniocentesis procedure दर्दनाक होता है?


जिन लोगो ने Amniocentesis test करवाया होता है उनका कहना है की जब सुई लगती है तो मधुमक्खी के डंक मारने जैसा लगता है परन्तु जब सुई uterus (गर्भाशय) में जाती है तो पीरियड्स के दर्द की तरह अनुभव होता है जो काफी तेज दर्द होता है और इसका कोई उपचार नहीं है | कुछ डॉक्टर त्वचा को सुन्न करने में मदद करने के लिए एक इंजेक्शन लगाने की पेशकश करते हैं, लेकिन यह एमनियो सुई की तुलना में अधिक दर्दनाक हो सकता है।

हालाँकि हर इन्सान के लिए दर्द का मापदंड अलग अलग होता है कुछ लोगो को टेस्ट कराने के बाद दर्द का बिलकुल एहसास तक नहीं होता लेकिन अगर आप दर्द के लिए ज्यादा चिंता करते है तो टेस्ट से पहले दर्द निवारक क्रीम लगा सकते है लेकिन मुख्य प्रॉब्लम दर्द नहीं होता है बल्कि गर्भाशय में जाने वाली सुई होती है जिससे बच्चे को खतरा हो सकता है |

अगर टेस्ट के बाद किसी तरह का discomfort या शरीर के किसी भाग में सुन्नपन महसूस होता है तो एसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि डॉक्टर इसका सही इलाज कर सके |

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Amniocentesis vs CVS pregnancy test:-

कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (cvs pregnancy test) एक एमनियोसेंटेसिस प्रक्रिया के जैसा ही प्रीनेटल डायग्नोस्टिक टेस्ट होता है, जो जन्म दोषों और आनुवंशिक रोगों का पता लगा सकता है, लेकिन इनमे मुख्य अंतर क्या है आइये जानते है।

सबसे पहले, गर्भावस्था में पहले cvs test ही किया जाता है, आमतौर पर 11 से 14 सप्ताह के बीच ये टेस्ट होता है, और तरल पदार्थ से एमनियोसाइट्स लेने के बजाय, cvs test करने के लिए प्लेसेंटा का एक नमूना लिया जाता हैं।

cvs pregnancy test दो अलग-अलग तरीकों से भी किया जा सकता है, या तो आपके पेट के माध्यम से सुई के साथ (जैसे amniocentesis test ) या गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) के माध्यम से। इनमे से गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) के माध्यम से किआ जाने वाला cvs test ज्यादा आसान होता है क्युकी इसमें सुई का इस्तेमाल नहीं होता है केवल pressure लगाया जाता है , जबकि पेट के द्वारा cvs test कराने का उद्देश्य प्लेसेंटा के माध्यम से सुरक्षित टेस्ट करना होता है |

अगर रिस्क की बात करे तो cvs test में भी एमनियोसेंटेसिस के समान ही रिस्क होती है | आपको डॉक्टर द्वारा cvs test बताया जाता है या amniocentesis test ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपनी गर्भावस्था में कहां हैं और आपका डॉक्टर क्या ढूंढ रहा है। विशेष कौशल और आवश्यक संसाधनों को देखते हुए amniocentesis test बहुत अधिक सामान्य है।

amniocentesis test एक गर्भवती व्यक्ति के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकता है, लेकिन सभी चिकित्सा परीक्षणों में रिस्क शामिल होती हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने स्वास्थ्य की देखभाल किसी पशेवर से कराये और उनसे अपने और अपने बच्चे के लिए जोखिमों और लाभों पर चर्चा करें

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Amniocentesis vs NIPT :-

एमनियोसेंटेसिस और नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग (एनआईपीटी NIPT) दो अलग-अलग तकनीकें हैं जिनका उपयोग एक ही चीज की जांच के लिए किया जाता है। दोनों परीक्षण आमतौर पर केवल तभी किए जाते हैं जब गर्भावस्था में पहले कभी कोई abnormality हुई हो या न्यूकल ट्रांसलूसेंसी स्कैन से पता चलता है कि होने वाले बच्चे में क्रोमोजोम abnormality हो सकती है यानि कोई बिर्थ डिफेक्ट के होने की संभावना है |
एमनियोसेंटेसिस टेस्ट को आप गर्भ में पल रहे शिशु में असामान्यता की जांच करने का एक ट्रेडिशनल तरीका मान सकते है जिसमे कई तरह की रिस्क शामिल होती है , हालाँकि CVS टेस्टिंग भी इन रिस्क को कम करने के लिए की जा सकती है लेकिन उसमे भी रिस्क होने की तथा गर्भपात की संभावना उतनी ही बनी रहती है जबकि NIPT टेस्ट एक नवीनतम टेक्नोलॉजी है जो एमनियोसेंटेसिस टेस्ट की जगह पर कराई जाती है तथा इसमें रिस्क की सम्भावना न के बराबर होती है |
आइये जानते है इनमे अंतर के बारे में  :-

एमनियोटिक

  • एमनियोटिक फ्लूइड का नमूना लेने के लिए पेट की दीवार और गर्भ में एक लंबी सुई डाली जाती है।
  • डाउन सिंड्रोम जैसी abnormality की उपस्थिति को कन्फर्म करने के लिए प्रयोगशाला में नमूने से आनुवंशिक तत्वों का परीक्षण किया जाता है।
  • आमतौर पर 15 से 20 सप्ताह के बीच ये टेस्ट किया जाता है।
  • इस टेस्ट की वजह से गर्भपात या इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है |
  • कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (सीवीएस) नामक एक टेस्ट भी कभी-कभी एमनियोसेंटेसिस की जगह किया जाता है:
  • CVS टेस्ट में एमनियोटिक फ्लूइड के बजाय प्लेसेंटा का एक नमूना लिया जाता है और इसे पहले किया जा सकता है, आमतौर पर 11 से 14 सप्ताह के बीच।
  • एमनियोसेंटेसिस के सामान ही रिस्क CVS टेस्ट में होती है।

NIPT

  • एनआईपीटी एक नई तकनीक है जिसमे एक बहुत ही अलग तकनीक का उपयोग करके बच्चे के डीएनए का एक नमूना लिया जाता है:
  • मां के blood का नमूना लिया जाता है |
  • माँ से लिए गए blood सैंपल में से बच्चे से संबंधित कोशिकाओं को रक्त से निकाला जा सकता है और प्रयोगशाला में टेस्ट के लिए भेजा जाता है |
  • NIPT( एनआईपीटी ) टेस्ट तीन प्रकार से किया जा सकता है :- पैनोरमा टेस्ट, हार्मनी टेस्ट और सेफ टेस्ट।
  • ये टेस्ट 10 सप्ताह से किसी भी समय किया जा सकता है
  • सबसे अच्बछी बात यह है की इस टेस्ट में बच्चे को कोई खतरा नहीं होता है |

कुछ सवालों के जवाब :-

भारत में amniocentesis टेस्ट की cost क्या होती है ?

भारत में कई जगह सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में ये टेस्ट कराया जाता है परन्तु अलग अलग शहर व् अस्पतालों में इसकी cost अलग अलग हो सकती है साधारणता इसकी cost 8000 से 22000 के बीच में हो सकती है | इनमे amniocentesis blood test की cost सबसे ज्यादा होती है |

भारत में प्रसिद्द lal path lab में amniocentesis test की cost क्या है ?

यहाँ भी amniocentesis test के लिए 8000 से 15000 रूपए चार्ज किये जाते है |

रेफरेन्सेस:-

What is amniocentesis?

https://www.thebirthcompany.co.uk/amniocentesis-vs-nipt-which-should-you-choose.php








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