गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय क्या है ?

गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय

पुत्र प्राप्ति की कामना हर शादी शुदा दंपत्ति के मन में होती है , और ये कामना तब और अधिक हो जाती है जब किसी दंपत्ति के पहले से ही संतान के रूप में लड़की होती है | मेडिकल की भाषा में जनम से पूर्व किसी भ्रूण का लिंग पता करना कानूनन अपराध माना गया है इसलिए वयक्ति के मन में गर्भ धारण करने के पूर्व ही ऐसे उपायों को जानने की इच्छा होती है जो उन्हें beta पैदा करने में मदद कर सके |

आइये इस आर्टिकल में गरुड़ पुराण के अनुसार गर्भ धारण से पूर्व के पुत्र प्राप्ति के उपाय के बारे में जानते है जिससे बेटे को ही गर्भ में धारण किया जा सके और किसी मेडिकल प्रोसीजर से गुजरने की जरूरत न पड़े |

गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय :-

गरुड़ पुराण के अनुसार अगर कोई दंपत्ति तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति करना चाहते है तो जिन चार दिनों में महिला के मासिक धर्म होते है उन दिनों पुरुष को स्त्री का मुख भी नहीं देखना चाहिए और उससे दूर ही रहना चाहिए |

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चार दिन के बाद महिला को कपडे सहित नहाना चाहिए तब वो महावरी से मुक्त हो जाती है और सात दिन के बाद पितृ पूजा, व्रत और भगवान के मंदिर में जाने लायक होती है |

गरुड़ पुराण के अनुसार सात इन महावारी के सात दिनों के भीतर अगर दम्पति सम्बन्ध बनाते है तो होने वाली संतान मलिन चित्त वाली यानी बुरे विचारो वाली पैदा होती है |

इसलिए महावरी ख़तम होने के बाद पूरी तरह शुद्ध होकर आठवे दिन सम्बन्ध बनाने से होने वाली संतान पुत्र ही होता है |

गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय करने के लिए माहवारी वाले दिन से सम दिनों में ही सम्बन्ध बनाये जाने चाहिए और अगर विषम दिनों में सम्बन्ध बनायेगे तो पुत्री की प्राप्ति होगी |

इसलिए गरुण पुराण के अनुसार माहवारी के सात दिन छोड़कर सम दिनों में सम्बन्ध बनाने से तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति होती है | दंपत्ति को 16 दिन तक लगातार सम दिनों में प्रयास करने से होने वाला पुत्र तेजस्वी और गुणवान पैदा होता है |

गरुण पुराण के अनुसार अगर आप तेजस्वी और उत्तम पुत्र की प्राप्ति करना चाहते है तो महिला को मधुर भोजन करना चाहिए और महिला और पुरुष को साफ़ मन से और अछे विचारो के साथ सम्बन्ध बनाने चाहिए तभी एक गुणवान पुत्र की प्राप्ति होगी |

एक बार गर्भ धारण होने के बाद स्त्री को 9 महीने मन में अछे विचार रखने चाहिए, खुश रहना चाहिए और अच्छी किताबे जैसे गीता आदि का पाठ करना चाहिए इससे होने वाली संतान गुणवान पैदा होती है और यही संस्कार उसके व्यक्तित्व में भी दिखाई देते है |

पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय

अगर दंपत्ति के पहले से ही पुत्री है और वो अगली संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति करना चाहते है तो कुछ घरेलु उपाय अपना सकते है जैसे :-

  1. महिला को ovulation के दिनों में ही सम्बन्ध बनाने चाहिए , ovulation उन दिनों को कहते है जब महिला के गर्भाशय में अंडे निकलते है और अगर ये अंडे पुरुष के स्पर्म से मिलते है तो गर्भ धारण के चांसेस बढ़ जाते है | अपने ovulation के दिनों को जानने के लिए ovulation kit की मदद ली जा सकती है |
  2. सम्बन्ध बनाने में सम दिनों को ही चुनना चाहिए इससे पुत्र प्राप्त होने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है | विषम दिनों में सम्बन्ध बनाने से पुत्री की प्राप्ति होती है |
  3. लड़का पैदा करने के लिए आप अपनी डाइट में हरी सब्जियों और ज्यादा प्रोटीन वाली सब्जिओ को शामिल करे , साथ ही खाने में ब्रोकली का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करे क्युकी ब्रोकली में कैल्शियम,आयरन,पोटेशियम और विटामिन B विटामिन सी, विटामिन ए, जिंक और सोडियम जैसे खनिज होते है जो शरीर में फर्टिलिटी को बढाते है और लड़का पैदा होने में मदद करते है |
  4. हाल ही ब्रिटेन में हुए एक शौध के अनुसार जो महिला अपने पार्टनर से सम्बन्ध बनाने से पहले एस्प्रिन की टेबलेट लेती है, उस महिला को लड़का होने की सम्भावना काफी ज्यादा हो जाती है। 
  5. अगर आप एक पुत्र को पाना चाहते है तो जरूरी है की पति और पत्नी रोज व्यायाम करे और और थोड़ी देर टहला करे | एसा करने से शरीर में उर्जा का संचार होगा और नए blood सेल्स बनेगे और साथ ही पुरुषो में स्पर्म की संख्या बढ़ेगी जिससे y क्रोमोज़ोमेस भी बढ़ेगे और पुत्र प्राप्ति की सम्भावना भी ज्यादा होगी |

ऊपर दिए गए तरीको को follow करने के लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत नहीं होती है , इन्हें घर में रहकर आसानी से अपनाए जा सकते है इसलिए ये टिप्स लड़का पैदा करने में अओकी मदद करेगे |

शुक्ल पक्ष में पुत्र प्राप्ति के उपाय क्या है ?

शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के पहले आने वाली 14 रात्रियो को कहा जाता है और पूर्णिमा के बाद अमावस्या तक की 14 रात्रियो को कृष्ण पक्ष कहा जाता है |

शास्त्रों के अनुसार अगर किसी दम्पति को पुत्र की प्राप्ति करनी है तो उन्हें शुक्ल पक्ष के सम दिनों में ही सम्बन्ध बनाने चाहिए यानि की ध्यान रखे की पत्नी के मासिकधर्म से छठी, आठवीं. दसवीं, बारहवीं, चौदहवीं और सोलहवीं रात में शुक्लपक्ष पर ही संभोग करें तथा पहली बार संभोग करने के बाद खटाई खाना बिल्कुल बंद कर दें। इसके बाद स्त्री के गर्भ ठहरते ही उसे बछड़े वाली गाय का दूध पिलाना शुरू दें।

एसा करने से जरूर ही लड़का पैदा होता है। ध्यान रहे लड़का पैदा करने के लिए पुरुष का शक्तिशाली होना ही जरूरी होता है ताकि उसका लिंग पत्नी की योनि में गहराई तक जाये और अगर इस दौरान पत्नी अगर पति से पहले स्रावित हो जाती है तो समझ लें की लड़का ही पैदा होगा यही तेजस्वी पुत्र प्राप्ति के उपाय है।

अगर संभोग के दौरान [पति पहले और पत्नी बाद में संतुष्ट होती है तो फिर लड़की ही पैदा होती है।

कौन सी तिथि को गर्भधारण नहीं करना चाहिए

शास्त्रों के अनुसार कभी भी ग्रहण के समय , श्राद्धपक्ष के दिनो मे , पूर्णिमा तथा अमावस्या के दिन गर्भधारण का कार्य नहीं करना चाहिए | घर में पूजा शांति का पाठ कराकर और अछे दिन पर ही सम्बन्ध बनाने चाहिए ताकि होने वाली संतान उत्तम पैदा हो |

व्रत के दिन भी सम्बन्ध बनाना अशुभ माना जाता है इसलिए ऐसे किसी दिन पर गर्भ धारण नहीं करना चाहिए |

लाल किताब में पुत्र प्राप्ति के उपाय के अनुसार, अगर कोई दंपत्ति संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति करना चाहते है तो महिला गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाये। इस उपाय लगातार करने से शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय के लिए 11 प्रदोष का व्रत करें, और हर प्रदोष को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से संतान के रूप में पुत्र की प्राप्त होती है। इसके अलावा लड्डूगोपाल भगवान की पूजा करें। उनको माखन-मिश्री का भोग लगाएं एसा लगातार करने से पुत्र की प्राप्ति होती है और जिन दंपत्ति के संतान नहीं है उन्हें संतान की प्राप्ति होगी |

FAQs

कौन से महीने में पुत्र की प्राप्ति होती है?

अगर आप पुत्र प्राप्ति के लिए सही महिना जानना चाहते है तो Chinese calendar को देखकर उसमे अपनी उम्र और आखिरी पीरियड की डेट डाले , इससे पुत्र या पुत्री की प्राप्ति के लिए सही महिना पता चलेगा |

लड़का कौन से पक्ष में होता है?

पुत्र प्राप्ति के लिए शुक्ल पक्ष अच्छा माना गया है लेकिन एसा नहीं है की कृष्ण पक्ष में पुत्र नहीं पैदा हो सकते है | दोनों ही पक्ष अछे होते है |

क्या करने से पुत्र की प्राप्ति होती है?

ऊपर दिए गए नियमो का पालन करने से तथा माहवारी के बाद सम दिनों में सम्बन्ध बनाने से पुत्र की प्राप्ति होती है

पुत्र प्राप्ति के लिए कौन से फल खाने चाहिए?

ऐसे फल जिनमे प्रोटीन की मात्र अधिक होती है उन्हें खाने से संतान प्राप्ति में मदद मिलती है |

पुत्र प्राप्ति के शुरुआती लक्षण क्या है?

कमर में दर्द होना , चेहरा मुरझाना और पेट की लाइन का सीधा बनना पुत्र प्राप्ति के ही लक्षण है |

सोनोग्राफी में कैसे पता चलता है कि लड़का है?

अगर नब का कोण रीड की हड्डी से 30 डिग्री अधिक बनता है, तो यह गर्भ में लड़का होने का संकेत है। और इसी तरह अगर नब का कोण रीड की हड्डी से 30 डिग्री से कम बनता है, तो यह लड़की की मौजूदगी का संकेत है। अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी में बच्चा लड़का होने का संकेत और लड़की होने का संकेत है।

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