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अपनी प्रेगनेंसी की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कैसे पढ़े?
प्रेगनेंसी में किये जाने वाले अल्ट्रासाउंड की अलग अहमियत होती है क्युकी हर अल्ट्रासाउंड में अलग अलग भागो का परिक्षण किआ जाता है और बच्चे और माँ के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में बारीकी से अध्ययन किआ जाता है |
आइये इस लेख के माध्यम से जानते है की अपनी प्रेगनेंसी की अल्ट्रासाउंड आप घर में ही खुद से कैसे पढ़ सकते है | हालाँकि इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है की इसे सिखने के बाद आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट ही न करे , अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आने के तुरंत बाद अपने डॉक्टर से मिले और उनके बताये गए निर्देशों का पालन जरूर करे |
महिला रिप्रोडक्शन सिस्टम क्या है ?:-
किसी भी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को पढने या समझने से पहले महिला के रिप्रोडक्शन सिस्टम के बारे में जानकारी होना बोहोत जरूरी होता है क्युकी इसमें उपयोग होने वाले शब्द ही अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बताये जाते है | आइये एक नजर डालते है नीचे दिए गए चित्र पर :-
ये चित्र महिलाओ के ओवरी तथा बच्चे के गर्भ में अन्दर विकसित होने वाले स्थान का है जिसे मेडिकल की भाषा में महिला का रिप्रोडक्शन सिस्टम कहा जाता है | कुछ जरूरी चीजो को एरो में दिखाया है जो Level 2 ultrasound में उपयोग होती है इसे देखने से आपको अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को पढने में मदद मिलेगी | इसमें वेजाइना वाले भाग से स्पर्म एंटर होता है और os से होता हुआ uterus में जाता है जहा एग्स पहले से ही होते है उनसे मिलके fertilize होता है और इस तरह एक भ्रूण बनता है जो आगे जाके बच्चे में कन्वर्ट हो जाता है |
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कैसे समझे :-
प्रेगनेंसी की किसी भी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को समझने के लिए यहाँ एक उदहारण रिपोर्ट को समझेगे और इसमें उपयोग में होने वाली हर लाइन को स्टेप बी स्टेप जानेगे , सभी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में लगभग यही बाते लिखी होती है , अगर कोई प्रॉब्लम होती है तो वो बोल्ड अक्षरों में दिखाई जाती है इसलिए उसे आप अपने डॉक्टर की मदद से जान पायेगे , फिलहाल हम एक साधारण रिपोर्ट को समझेगे :-
Ultrasound खुद से कैसे पढ़े ?
लाइन 1 :- सबसे पहले हर अल्ट्रासाउंड में EDD (estimated delivery Date ) तथा LMP (लास्ट मेन्स्त्रुअल पीरियड )के बारे में जानकारी दी जाती है जिसका मतलब है की प्रेग्नेंट होने से पहले महिला के लास्ट पीरियड किस डेट में आये थे और EDD का मतलब होता है डिलीवरी किस तारिख को हो सकती है हालाँकि ये तारिख पक्की नहीं होती है ये सिर्फ अंदाजा होता है की डिलीवरी इस तारिख के आस पास कभी भी हो सकती है और लेबर पैन शुरू हो सकता है |
इसके बाद लिखा है LMP EDD और C EDD , EDD एस्टीमेट डिलीवरी डेट को कहते है यानि आपकी डिलीवरी किस तारिख को हो सकती है वो डेट यहाँ दी गई है नार्मल और ससरियन दोनों केसेस में ये तारिख ही मानी जाती है |
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लाइन 2 :- real time b mode ultrasonography of gravid uterus done.
यहाँ दो शब्द उपयोग हुए है जिनका मतलब पहले जानते है :-
B Mode :- गर्भावस्था के दुसरे तिमाही में कराये जाने वाले अल्ट्रासाउंड को मेडिकल की भाषा में B मोड ultrasound भी कहा जाता है सामान्य भाषा में इसे लेवल 2 अल्ट्रासाउंड अथवा टिफ्फा स्कैन या अनोमली स्कैन आदि नामो से जानते है |
Gravid Uterus:- gravid का अर्थ आगे की और झुके हुए uterus से है , यहाँ uterus गर्भाशय को कहा जाता है जिसके अन्दर बच्चा 9 महीने तक रहता है | ये थेलिनुमा होता है जिसमे बच्चे का विकास होता है तथा बच्चा प्लेसेंटा के माध्यम से गर्भवती माता से पोषक तत्व प्राप्त करता है|
इस पूरी लाइन का मतलब है की ये ultrasound एक दुसरे तिमाही का स्कैन है जिसमे गर्भवती महिला का गर्भाशय आगे की और झुके हुए प्रकार का है | (गर्भाशय के अन्य प्रकार )
लाइन 3 :- Route transabdominal
गर्भावस्था में ultrasound दो तरह से किआ जाता है एक वेजाइना के द्वारा और दूसरा अब्दोमिना (पेट ) के द्वारा तो यहाँ अब्दोमिना के द्वारा अल्ट्रासाउंड किआ जा रहा है एसा इस लाइन में बताया गया है |
लाइन 4 :- single intrauterine gestation
ये लाइन लगभग सभी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में मोजूद होती है जिसका मतलब होता है की एक बच्चे की प्रेगनेंसी है ट्विन्स या ज्यादा बच्चे नहीं है | पेट में जितने भ्रूण होते है उतनी संख्या यहाँ लिखी होती है |
लाइन 5 :- इम्प्रैशन
यहाँ बोल्ड अक्षरों में एक इम्प्रैशन लिखा गया है जिसका मतलब लास्ट में समझेगे |
लाइन 6 :- Gestational age as per assigned
इसका मतलब गर्भावस्था अवधि से होता है अर्थात दिए गए मनको के नुसार गर्भावस्था शुरू हुए कितना समय हुआ है |
लाइन 7 :- Menstrual age 18 weeks 6 days
Mentrual age का मतलब मातृत्व का समय होता है इस पीरियड की अवधि महिला के लास्ट पीरियड के ख़तम होने से अल्ट्रासाउंड कराने के समय तक की कुल समय अवधि होती है |
लाइन 8 :- Placenta posterior
प्लेसेंटा एक अंग होता है जो गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के अन्दर विकसित होता है और गर्भ में बच्चे को जरूरी पोषकतत्व देने का कार्य करता है | गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा मुख्य तीन तरह की स्थितियों में से किसी एक में हो सकता है ये है :- पोस्टीरियर,एंटीरियर अथवा low लाइंग | इनमे से यहाँ दी गई example report में ये पोस्टीरियर पोजीशन में है |
पोस्टीरियर :- पेट के पीछे विकसित होता है|
एंटीरियर :- पेट के अगले हिस्से में होता है |
लो लाइंग :- पेट के निचले हिस्से में होता है |
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लाइन 9 :- Presentation breech
ये लाइन बच्चे की पोजीशन को बताती है , ब्रीच पोजीशन में बच्चे के पैर और कुल्हे वाला हिस्सा पेट के नीचे की तरफ होता है और डिलीवरी के समय पहले बाहर आता है |
आपकी ultrasound में ये प्रेजेंटेशन breech, cephalic, compound, shoulder आदि में से कोई एक हो सकती है जिनके मतलब इस प्रकार है :-
- cephalic presentation (head first): बच्चे का सिर पेट में नीचे की तरफ होता है और डिलीवरी में पहले बाहर आता है |
- breech presentation :- भ्रूण का निचला हिस्से पेट में नीचे की तरफ होता है |
- shoulder presentation: कंधे वाला हिस्सा पेट में नीचे की तरफ होता है और पहले बाहर आता है |
- compound presentation—इसमें भ्रूण के सिर के साथ कोई और शारीरिक अंग पेट में नीचे की तरफ होता है और पहले बाहर आता है |
लाइन 10 :- Liquor adequate
Liquor से यहाँ मतलब अम्निओटिक फ्लूइड से है जो एक तरह हा द्रव होता है जो गर्भाशय के अन्दर भरा होता है और बच्चे को इन्फेक्शन से प्रोटेक्ट करके रखता है , भ्रूण इस द्रव के अन्दर 9 महीने तक रहता है और डिलीवरी के समय ये द्रव भी बाहर आ जाता है जिसे वाटर बर्स्ट होना भी कहा जाता है |
लाइन 11 :- suggest fetal echo and further work up
इस लाइन में आगे और टेस्ट कराने और जांच करने की सलाह दी गई है | जरूरी नहीं ही की ये लाइन हर अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में हो |
Section :- Maternal
मैटरनल सेक्शन में केवल गर्भवती महिला के बारे में examine किया जाता है और केवल गर्भवती महिला में जांच किये जाने वाले अंगो के बारे में लिखा जाता है |
Line 1: – Cervix measured 3.40 cm in length
सर्विक्स गर्भाशय से जुड़ा हुआ एक अंग होता है जो एक नाली के रूम में होता है और महिलाओ में वेजाइना तथा गर्भाशय को जोड़े रखता है | अर्थात गर्भाशय के खुलने वाले भाग से वेजाइना के बीच के रस्ते हो सर्विक्स कहा जाता है , उस भाग की लम्बाई यहाँ दी है | हर ultrasound में ये नाप अलग अलग होती है |
Line 2:- Internal OS is closed
सर्विक्स का वो भाग जो गर्भाशय के मुह से जुड़ता है उसे ही इंटरनल os कहा जाता है , ये भाग पूरी गर्भावस्था के दौरान बंद ही रहता है और केवल डिलीवरी के समय खुलता है |
Line 3:- Fetus survey
यहाँ fetus अर्थात बच्चे के बारे में इनफार्मेशन देने के बारे में कहा गया है |
Line 4:-Presentation: breech
जेसा की ऊपर बताया गया है बच्चे की अवस्था breech है यानि बच्चे के पैर वाला सिरा पेट में नीचे की तरफ है |
Line 5:- Placenta: Posterior
प्लेसेंटा की तीनो पोजीशन में से पोस्टीरियर पोजीशन के बारे में बताया है |
Line 6:- Liquor: Adequate
अम्निओटिक फ्लूइड की मात्रा पर्याप्त है |
Line 7:- Umbilical cord: 3 vessels
गर्भावस्था में कुल 3 उम्बिलिकल कार्ड होती है जो माँ के बच्चे से जोड़कर रखती है | उनकी संख्या इस भाग मर बताई गिया है |
Line 8:- Fetal activity: Fetal activity present
मेडिकल की भाषा में बच्चे तथा शिशु को फेटल कहा जाता है , ultrasound में फेटल की स्थिति साफ़ दिखाई देती है तब इस लाइन का उपयोग किआ जाता है |
Line 9:- Cardiac activity : cardiac activity present (fetal heart rate 143 bpm )
Cardiac एक्टिविटी की जांच किआ जाती है जैसे दिल के चारो चैम्बर्स का अध्यन] , बच्चे के दिल की धड़कन आदि सभी चीजे इसके अन्दर जाँची जाती है और उनकी नामे यहाँ दी जाती है | 143 bpm का अर्थ बीट्स पर मिनट्स से है अर्थात एक मिनट में कितनी बार धड़कता है उसके बारे में लिखा गया है |
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बॉयोमैट्री हेडलॉक रिपोर्ट के इस सेक्शन में एक फार्मूला बनाया जाता है जिसके द्वारा डॉक्टर या टेक्नीशियन कुछ जरूरी टर्म्स को देखके उसपे फार्मूला अप्लाई करते है और उससे बच्चे का Total weight कैलकुलेट किआ जाता है | Total weight को efw भी कहा जाता है यानि estimated fetal weight कहते है और जो टर्म्स अलग अलग नापी जाती है वो है BPD,HC ,AC और FL ,जैसा की यहाँ इसकी मेज़रमेंट लिखी हुई है|
BPD (biparietal diameter):- इसका अर्थ बच्चे के सिर का व्यास होता है इसकी रेंज 2.5 से 9.5 के बीच होती है जो बच्चे के साइज़ पर निर्भर करता है की बच्चा गर्भ में कितना बढ़ा है . इसका उपयोग बच्चे का वजन नापने के लिए किया जाता है |
HC (head circumference):- इसका अर्थ बच्चे के सिर की परिधि से होता है | इसकी रेंज 2.5 से 9.5 के बीच होती है जो बच्चे के साइज़ पर निर्भर करता है की बच्चा गर्भ में कितना बढ़ा है . इसका उपयोग बच्चे का वजन नापने के लिए किया जाता है |
Femur Length (FL):- ये नाप बच्चे के जांघ की हड्डी की लम्बाई को दिखाता है , इस नाप का उपयोग बच्चे का वजन नापने के लिए किआ जाता है |
AC (abdominal circumference):- ये नाप बच्चे के पेट के चारो तरफ की परिधि का होता है | इस नाप पर एक फार्मूला लगाकर बच्चे का कुल वजन नापा जाता है |
Estimate of fetal weight (EFW) (BPD.HC, AC, FL):- ये नाप ऊपर दिए गए सभी नापो को मिलकर एक फार्मूला लगाते है और इसके द्वारा बच्चे के कुल वजन को दिखाया जाता है |
इसके ऊपर youtube पर हमारा विडियो देखे :-
बच्चे की हड्डिया :-
Tibia:- शिशु के पैर में घुटने के नीचे की मुख्य हड्डी को tibia कहा जाता है जो तलवों तक जाती है| इसकी नाप इस रिपोर्ट में 25 mm दी गई है |
Fibula :- रिपोर्ट में कुछ अन्य हड्डियों के नाप भी दी जा सकती है | फिबुला हड्डी शिशु के पैर में मुख्य हड्डी के साथ एक और पतली हड्डी को कहा जाता है जो मुख्य हड्डी को पीछे से सपोर्ट प्रदान करती है |
Femur :- Femur शिशु के पैर में जांघ की हड्डी को कहा जाता है इसकी नाप भी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में दी जा सकती है |
Humerus:- ये शिशु में कोहनी से लेकर कंधे तक की हड्डी को Humerus कहा जाता है , इसकी नाप भी किसी की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में दी जा सकती है जरूरी नहीं की सबकी रिपोर्ट में यह टर्म का उपयोग हो |
Aneuploidy Markers
गर्भावस्था में aneuploidy का मतलब होता है शिशु में किसी कमी या अनोमली का होना इसलिए प्रेगनेंसी अल्ट्रासाउंड के इस सेक्शन में बच्चे के कुछ अंगो का नाप लिया जाता है जिसकी मदद से बच्चे में किसी कमी या अनोमली के होने का पता लगाया जा सके और पाए जाने पर उसे कन्फर्म करने के लिए आगे और टेस्टिंग की जाये |
रिपोर्ट के इस सेक्शन में बच्चे के चेहरे से सम्बंधित माप लिए जाते है जैसे नाक का गर्दन का आदि का नाप बच्चे के विकास से सम्बंधित बातो को कन्फर्म करने के लिए नापे जाते है |
Nasal Bone: – 5.6 mm, seen
नसल बोने पेट में बच्चे की नाक की हड्डी होती है , जो की 5.6 mm है और ultrasound के दौरान दिखाई दे रही है |
Nuchal fold: – 3.2 mm
नुचल फोल्ड गर्भ में बच्चे के गर्दन का नीचे का भाग कहलाता है जो 3.2 mm है तथा पूरी तरह से नार्मल बताया गया है |
Section: Fetal Anatomy Head: –
प्रेगनेंसी रिपोर्ट के इस सेक्शन में शिशु के सिर की जांच की जाती है और जरूरी measurement लिए जाते है आइये देखते है :-
लाइन 1 :cisterna magna measured 3.2 mm :-
ये भाग शिशु के ब्रेन का बीच का भाग होता है जिसका साइज़ ultrasound के दौरान नापा जाता है |
लाइन 2 :ट्रांस्सरेबेल्लर डिस्टेंस :-
हर मनुष्य के ब्रेन के अन्दर एक छोटा ब्रेन होता है यहाँ उनकी नाप ली गई है जिसका विकास ठीक से हुआ है या नहीं ये देखा जाता है |
लाइन 3 : midline फलक्स :-
ब्रेन के इस भाग में लेफ्ट और राईट ब्रेन के बीच की लाइन का अध्यन किया जाता है और उसके नार्मल होने का पता लगाया जाता है |
लाइन 4 : बोथ लेटरल वेंट्रिकल इस सीन
ये ब्रेन के अन्दर दो इम्पोर्टेन्ट प्लेस होता है जो की दिखाई दे रहा है इसलिए नार्मल है |
हमारे द्वारा बनाई गई Ebook को यहाँ से डाउनलोड करे :-
Impression:-
इम्प्रैशन में लिखा है := single live intrauterine gestation correspoding to a gestational age of 18 week and 6 days with smaller left ventrical and aorta(एओटा) likely represents hypoplastic left heart syndrome hlhs .
इसमें HLHS की कंडीशन बताई है इसलिए इसे बोल्ड अक्षरों में लिखा है ये एक क्रिटिकल प्रॉब्लम होती है जिसमे बच्चे बच्चे के हार्ट के दोनों भाग लेफ्ट और राईट बराबर नहीं होते है और ये एक disablity होती है इसका क्या सलूशन हो सकता है इस बारे में डॉक्टर ही बता सकते है और आगे suggestion में फेटल इको टेस्ट कराने की सलाह दी है .
तो ये लेवल 2 ultrasound रिपोर्ट को कैसे पढ़ते है अगर आपकी रिपोर्ट में कोई टर्म्स है तो आप हमारा डिटेल विडियो youtube चैनल पर देख सकते है |
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अल्ट्रासाउंड में बच्चे का वजन कहां लिखा होता है
अल्ट्रासाउंड के दौरान बच्चे के वजन को नापने के लिए कुछ अलग से मेज़रमेंट किये जाते है और इसके लिए बच्चे के bpd,hc,fl और ac जैसे कुछ अंगो की नाप ली जाती है , इन सबको मिलकर बच्चे का वजन नापा जाता है जिसे अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में efw (estimated fetal weight ) के नाम से दिखाया जाता है |